अध्यक्ष अशोक चढ्डा व प्रमोटर मोहित गोयल और धारणा गर्ग की गिरफ्तारी पर रोक

भाजपा नेता किरीट सौमैया ने दर्ज कराई है प्राथमिकी, तीनों के विदेश जाने पर रोक

सस्ता फोन देने का दावा करने वाली कंपनी रिंगिंग बेल प्राइवेट लिमिटेड के मालिकों को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मंगलवार को बड़ी राहत दी। कोर्ट ने 251 रुपये में स्मार्टफोन देने के मामले में कंपनी के अध्यक्ष अशोक चड्ढा व प्रमोटर्स मोहित गोयल तथा धारणा गर्ग की गिरफ्तारी पर पांच अप्रैल तक रोक लगा दी है। इन तीनों के खिलाफ नोएडा में धोखाधड़ी की प्राथमिकी दर्ज है। हाईकोर्ट ने निर्देश दिया है कि तीनों आरोपी अपना पासपोर्ट सरेंडर करेंगे तथा इस बीच देश छोड़कर नहीं जाएंगे।

यह आदेश जस्टिस बीके नारायण व जस्टिस शशिकांत की खंडपीठ ने रिंगिंग बेल के प्रेसिडेंट अशोक चढ्ढा, मोहित गोयल व धारणा गर्ग की याचिका पर दिया है। तीनों याचिकाकर्ताओं ने नोएडा गौतमबुद्धनगर में अपने खिलाफ दायर धोखाधड़ी मामले में गिरफ्तारी पर रोक लगाने की मांग की थी तथा कहा था कि उनके विरुद्ध दर्ज मुकदमा रद किया जाय। याचियों ने कहा कि उन्होंने किसी तरह की कोई धोखाधड़ी नहीं की है। उन्हें गलत व झूठा आरोप लगाकर फंसाया जा रहा है। कंपनी की ओर से बताया गया कि प्रस्तावित ग्राहकों को एक कंपनी के जरिए जमा कराई गई राशि वापस कर दी गई है। ग्राहकों को 84 लाख रुपये वापस किए गए हैं। इस पर कोर्ट ने अपर शासकीय अधिवक्ता को एक हफ्ते का समय देते हुए कहा है कि वह यह भी बताएंगे कि ग्राहकों को रुपये वापस दिए गए या नहीं।

भाजपा सांसद किरीट सोमैया ने रिंगिंग बेल के उक्त तीनों अधिकारियों के खिलाफ 251 रुपए में स्मार्टफोन देने के वादे को धोखाधड़ी कर गुमराह करने का आरोप लगाते हुए प्राथमिकी दर्ज करायी है। आरोप है कि पुलिस उनकी गिरफ्तारी का दबाव बना रही है। कोर्ट ने यह भी कहा है कि कंपनी के अध्यक्ष व प्रमोटर्स 24 घंटे के भीतर अपना पासपोर्ट गौतमबुद्ध नगर के एसएसपी के समक्ष सरेंडर करें।