शिक्षा मित्र से प्राथमिक स्कूलों में समायोजित सहायक अध्यापकों और फिर उच्च प्राथमिक स्कूलों में गणित, विज्ञान के 29 हजार पदों पर चयनित लोगों को दो पद एक साथ सुरक्षित रखने का लाभ नहीं मिलेगा। उन्हें एक पद छोड़ना पड़ेगा।

सुप्रीम कोर्ट में दाखिल करें अर्जी

हाईकोर्ट ने शिक्षामित्रों की इस मांग को लेकर दाखिल याचिकाएं निस्तारित करते हुए उनको सुप्रीम कोर्ट के समक्ष अर्जी दाखिल करने की छूट दी है। अरुण कुमार और 28 अन्य की याचिका पर न्यायमूर्ति मनोज मिश्र ने सुनवाई की। बेसिक शिक्षा विभाग के अधिवक्ता भूपेंद्र सिंह यादव और संजय चतुर्वेदी ने बताया कि शिक्षा मित्र से सहायक अध्यापक बनने के बाद कुछ लोग गणित, विज्ञान के सहायक अध्यापक पद पर भी चयनित हो गए। उन्होंने मांग की कि जब तक गणित, विज्ञान वाले पद पर उनकी नियुक्ति पुख्ता न हो जाए, उनकी सेवाएं प्राथमिक विद्यालयों में भी जारी रखी जाएं क्योंकि ऐसा नियत है। बेसिक शिक्षा विभाग का कहना था याचीगण की सहायक अध्यापक पद पर नियुक्ति हाईकोर्ट द्वारा अवैध करार दी जा चुकी है। मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। याचीगण सुप्रीम कोर्ट के अंतरिम आदेश के तहत सेवा में बने हुए हैं। इसलिए उनको इसका लाभ नहीं दिया जा सकता है। कोर्ट ने इस तर्क से सहमत होते हुए याचिका निस्तारित कर दी है।