विभूति एक्सप्रेस से बरामद हुआ था कोलकाता से भेजा गया मादक पदार्थ

स्टेशन अधीक्षक रामबाग को जीआरपी ने बनाया है आरोपी

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने तस्करों के बयान पर अपराध में शामिल हाने के आरोपी रामबाग रेलवे स्टेशन इलाहाबाद में तैनात कामर्शियल सुपरिटेन्डेन्ट अजय कुमार उर्फ अजय राय की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने कहा है कि विवेचना में विश्वनीय साक्ष्य मिलने या आरोप पत्र दाखिल किये जाने तक याची को गिरफ्तार न किया जाय।

एफआईआर निरस्त नहीं

यह आदेश जस्टिस वीके नारायण तथा नाहिद आरा मुनीस की खण्डपीठ ने अजय राय की याचिका को निस्तारित करते हुए दिया है। प्राथमिकी में दर्ज आरोपों को देखते हुए कोर्ट ने कहा है कि प्रथम दृष्टया अपराध बनता है। ऐसे में दर्ज प्राथमिकी निरस्त नहीं की जा सकती। याचिका पर अधिवक्ता राधेकृष्ण पांडेय, मनीष पांडेय व मनीष तिवारी ने बहस की। उनका कहना था कि तस्करी के अपराध से याची का कोई सरोकार नहीं है। कोलकाता से इलाहाबाद पार्सल आया था। याची की इसमें कोई भूमिका नहीं है। आरोपियों को पार्सल देने के वैधानिक काम का ही याची ने पालन किया है। जीआरपी ने रामभवन यादव व रामबाबू मिश्र को इलाहाबाद रेलवे स्टेशन से ड्रग्स के बैग के साथ पकड़ा। उन्होंने बताया कि विभूति एक्सप्रेस से आये पार्सल को उन्हें याची ने दिया है। इस बयान पर पुलिस याची को इस अपराध में फंसा रही है।