मुख्य सचिव आलोक रंजन पांच अपै्रल को तलब

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कोर्ट के आदेश के बावजूद प्रमुख सचिव विधि एवं न्याय का पद न भरे जाने पर नाराजगी जताई है। कोर्ट ने इसके लिए मुख्य सचिव आलोक रंजन को पांच अपै्रल को तलब किया है।

हाईकोर्ट के सात जजों की पूर्ण पीठ ने गुरुवार को इस संबंध में सुनवाई की। पीठ में चीफ जस्टिस डा। डीवाई चन्द्रचूड, जस्टिस वीके शुक्ला, जस्टिस अरुण टण्डन, जस्टिस तरुण अग्रवाल, जस्टिस दिलीप गुप्ता, जस्टिस कृष्ण मुरारी तथा जस्टिस एपी शाही शामिल थे। हाईकोर्ट ने प्रमुख सचिव के खाली पद पर नियुक्ति के लिए गोरखपुर के जिला जज रंगनाथ पांडेय का नाम राज्य सरकार को भेजा था। इस पर सरकार की तरफ से पांच नाम मांगे गये। इस पत्र को प्रशासनिक कमेटी ने रद कर दिया और कहा कि नाम भेजने का अधिकार हाईकोर्ट को है। सरकार यदि सहमत नही हो तो वह कारण बताकर अन्य नाम मांग सकती है। नाम भेजने का अधिकार हाईकोर्ट को ही है। कोर्ट ने 26 मार्च तक प्रमुख सचिव की नियुक्ति की अधिसूचना जारी करने का आदेश दिया था। महाधिवक्ता विजय बहादुर सिंह ने कोर्ट को आश्वासन दिया था कि सरकार से बात कर आदेश का पालन कराया जाएगा। गुरुवार को महाधिवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री राजधानी से बाहर हैं। इस लिए जानकारी नही हो सकी। समय दिया जाय। वह वरिष्ठ अधिकारी का हलफनामा दाखिल करेंगे। इस पर कोर्ट ने मुख्य सचिव को तलब किया है। साथ ही हाईकोर्ट की सुरक्षा के लिए उठाए जा रहे कदमों की भी जानकारी मांगी है।