कड़ा रुख: कुपोषण से बच्ची की मौत पर हाई कोर्ट सख्त, जांच के निर्देश

मुख्य सचिव से कार्यवाई रिपोर्ट के साथ 17 अगस्त को हलफनामा तलब

हाई कोर्ट ने कौशाम्बी जिले के फतेहपुर असादा गांव की दो साल की बच्ची की कुपोषण से मौत की जांच का निर्देश दिया है और प्रदेश के मुख्य सचिव से कार्यवाई रिपोर्ट के साथ हलफनामा मांगा है। याचिका की अगली सुनवाई 17 अगस्त को होगी। कोर्ट ने कहा है कि केवल छोटे कर्मचारियों पर नहीं, वरन् बड़े लापरवाह अधिकारियों पर भी कार्यवाई की जाय ताकि अन्य लोग इससे सबक लें।

जनहित याचिकाओं पर सुनवाई

यह आदेश जस्टिस अरुण टण्डन तथा जस्टिस ऋतुराज अवस्थी की खण्डपीठ ने विधि छात्रों प्रबल प्रताप व अन्य की जनहित याचिका पर दिया है। याचियों का कहना है कि कुपोषण से दो साल की बच्ची की मौत हुई। उसका परिवार उसका भरण पोषण करने में असमर्थ था। बच्ची के दादा गंभीर बीमारी से पीडि़त हैं। आंगनबाड़ी केन्द्र के निरीक्षण में पाया गया कि पोषक तत्व के नाम पर पंजीरी बांटी जा रही है। स्कीम के तहत केन्द्र में पोषक खाद्य पदार्थ उपलब्ध नहीं हैं। सरकारी योजना है कि बच्चों को कुपोषण का शिकार बनने से बचाने के लिए आंगनबाड़ी केन्द्र के जरिये बच्चों व गर्भवती मां को पुष्टाहार उपलब्ध कराया जाय। परिवार स्वास्थ्य केन्द्र 7 किमी। दूरी पर है। पिता बच्ची को स्वास्थ्य केन्द्र ले गया था। घर वापसी के बाद कुपोषण के चलते उसकी मौत हो गयी। कोर्ट ने याचिका में उठाये गये मुद्दे को गंभीरता से लिया और जिलाधिकारी कौशाम्बी से साढ़े तीन बजे कार्यवाही की जानकारी मांगी।

वकील बोले जांच करके होगी कार्रवाई

राज्य सरकार के अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि मामले की जांच की जा रही है। दोषियों पर कार्यवाही की जायेगी। कोर्ट ने कहा कि पुष्टाहार आंगनबाड़ी केन्द्र तक न पहुंचाने के जिम्मेदार अधिकारियों खासतौर पर डीपीआरओ पर कार्यवाही की जाय। कोर्ट ने कुपोषण से मौत की जांच में ढिलाई न बरतने तथा कार्यवाई करने का आदेश दिया है।