हाईकोर्ट ने बीटीसी अभ्यर्थियों की याचिका खारिज की

शिक्षा मित्रों ने हर्ष जताया, मिठाइयां बांटी

प्रदेश के पौने दो लाख शिक्षामित्रों को दूरस्थ माध्यम से बीटीसी प्रशिक्षण दिए जाने को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने वैध ठहराया है। कोर्ट ने फिलहाल इसके खिलाफ याचिका खारिज कर दी है और कहा है कि चूंकि मामला खंडपीठ से तय हो चुका है इसलिए हस्तक्षेप का औचित्य नहीं है।

हस्तक्षेप करने से इंकार

शिक्षा मित्रों को दूरस्थ पद्धति से प्रशिक्षण के खिलाफ याचिका बीटीसी अभ्यर्थियों ने दाखिल की थी। इस पर जस्टिस बी अमित स्थालेकर ने सुनवाई की। शिक्षा मित्रों की ओर से सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के कई अधिवक्ताओं ने पक्ष रखा। तर्क दिया गया कि हाईकोर्ट की खंडपीठ में यह मामला पहले आ चुका है जिसमें बीटीसी अभ्यर्थियों को राहत नहीं मिली थी। कोर्ट ने तर्को से सहमति जताते हुए हस्तक्षेप से इनकार कर दिया।

बढ़ेगा शिक्षा मित्रों का मनोबल

उल्लेखनीय है कि शिक्षामित्रों का समायोजन रद करते हुए हाईकोर्ट की खंडपीठ ने दूरस्थ शिक्षा से प्रशिक्षण देने के मामले की वैधता एनसीटी पर छोड़ दी थी। बाद में खंडपीठ का आदेश सुप्रीम कोर्ट ने स्टे कर दिया। उप्र दूरस्थ बीटीसी शिक्षा संघ के प्रदेश अध्यक्ष अनिल यादव ने बताया कि हाईकोर्ट के इस फैसले से शिक्षा मित्रों का मनोबल बढ़ा है। उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षा मित्र संघ और आदर्श शिक्षा मित्र वेलफेयर एसोसिएशन ने भी कोर्ट से फैसले का स्वागत किया और सुभाष चौराहे पर मिठाइयां बांटी।