प्रदेश सरकार को हाईकोर्ट से तगड़ा झटका किया

मुख्य सचिव व सचिव अल्पसंख्यक कल्याण से स्पष्टीकरण तलब

प्रदेश के कद्दावर मंत्री आजम खां के जिले रामपुर और राजधानी लखनऊ में वक्फ ट्रिब्यूनल गठित करने की सरकार की मंशा को तगड़ा झटका लगा है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सरकार को निर्देश दिया है कि इन दोनों जिलों में वक्फ ट्रिब्यूनल गठित करने की अधिसूचना को रद किया जाए। कोर्ट में उपस्थित महाधिवक्ता ने अदालत को आश्वस्त किया सरकार यह अधिसूचना वापस ले लेगी। कोर्ट का कहना था कि जब केंद्र सरकार ने 2015 में तीन सदस्यीय वफ्फ ट्रिब्यूनल गठन के प्रावधान को समाप्त कर दिया था तो कैसे इसका गठन कर कोर्ट को अंधेरे में रखा गया।

चीफ जस्टिस की पीठ का आदेश

यह आदेश चीफ जस्टिस डा। डीवाई चंद्रचूड व जस्टिस यशवंत वर्मा की खंडपीठ ने मो। जुनैद एजाज की जनहित याचिका पर दिया है। कोर्ट ने मुख्य सचिव व सचिव अल्पसंख्यक कल्याण से इस मामले में 15 दिन में स्पष्टीकरण मांगा है। अगली सुनवाई 11 मार्च को होगी। याचिका में कहा गया है कि वक्फ एक्ट 1995 में यह व्यवस्था है कि प्रत्येक जिले में एडीजे रैंक का न्यायिक अधिकारी वक्फ से संबंधित विवादों को सुनेगा। वर्ष 2013 में केंद्र सरकार ने वक्फ एक्ट में संशोधन कर तीन सदस्यीय कमेटी वाले वफ्फ ट्रिब्यूनल गठन की व्यवस्था कर दी जिसे 2015 में समाप्त कर दिया गया। इसके बावजूद रामपुर व लखनऊ में तीन सदस्यीय वक्फ ट्रिब्यूनल का गठन किया गया। कोर्ट ने चीफ सेक्रेटरी व सचिव अल्पसंख्यक कल्याण से पूछा है कि वह स्पष्ट करे कि कैसे इन सारी बातों को कोर्ट को नहीं बताया गया।