धूमनगंज थाने के SI कौशल यादव पर अवमानना आरोप तय

कोर्ट ने स्पष्टीकरण मांगा क्यों न दी जाए सजा

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने गिरफ्तारी पर रोक व मामले में दो बार पुलिस रिपोर्ट लगने के बावजूद 15 लाख की चोरी के आरोप में कार निकोबार से स्क्वाड्रन लीडर की पत्‍‌नी श्रीमती मोनिका फ्रांसिस को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश करने वाले तत्कालीन धूमनगंज थाने में तैनात दरोगा कौशलेंद्र कुमार यादव के खिलाफ कोर्ट अवमानना का आरोप निर्मित किया है। कोर्ट ने दरोगा से अवमानना आरोप का एक माह में जवाब मांगा है। याचिका की सुनवाई 28 मार्च को होगी।

विभागीय कार्रवाई के निर्देश

यह आदेश जस्टिस सुनीत कुमार ने ब्रम्हरौली के पति के साथ रह रही श्रीमती मोनिका फ्रांसिस की अवमानना याचिका पर दिया है। कोर्ट ने कानून का दुरुपयोग करने व पुलिस पर नाजायज दबाव डालकर याची को परेशान करने के लिए स्क्वाड्रन लीडर कुणाल कुमार के खिलाफ विभागीय कार्यवाही का भी निर्देश दिया है। याचिका पर अधिवक्ता सुजान सिंह ने बहस की।

जवाब से संतुष्ट नहीं

इनका कहना है कि बम्हरौली, इलाहाबाद स्थित सेना के क्वार्टर में रह रहे कुणाल कुमरा ने 15 लाख के गहने चोरी होने की धूमनगंज थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई। पुलिस ने अंतिम रिपोर्ट लगा दी। मामले की दुबारा जांच का आदेश हुआ और याची पर चोरी का संदेह किया गया तो उसने हाई कोर्ट की शरण ली। कोर्ट ने 31 मार्च 16 को गिरफ्तारी पर रोक लगा दी। इस मामले में पुलिस रिपोर्ट लग गई। तीसरी बार जांच शुरू हुई तो पुलिस ने न्यायिक मजिस्ट्रेट से गैर जमानती वारंट लेकर अपने पति के साथ कार निकोबार में रही रही मोनिका को पुलिस ने गिरफ्तार कर कोर्ट में इलाहाबाद में पेश किया। सरकारी वकील का कहना था कि साक्ष्य अधिनियम की धारा 73 के तहत फिंगर प्रिंट की जांच के लिए कोर्ट में पेश करना जरूरी था इसलिए गिरफ्तार कर पेश किया गया। कोर्ट ने सफाई को संतोषजनक न मानते हुए अवमानना आरोप निर्मित कर दरोगा से सफाई मांगी है कि क्यों न उसे अवमानना में सजा दी जाए। सुनवाई 28 मार्च को होगी।