-हाई कोर्ट ने दिया आदेश, याची यूपी बोर्ड में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के पद पर था

ALLAHABAD: हाईकोर्ट ने यूपी बोर्ड के अवकाश प्राप्त कर्मचारी प्रेम नारायण मिश्र को सेवानिवृत्ति परिलाभ और पेंशन का भुगतान करने का निर्णय दिया है। कोर्ट ने कहा है कि यदि कर्मचारी को लाभ नहीं दिया जाता है तो यूपी बोर्ड के कर्मचारी अपना स्पष्टीकरण दें। प्रेम नारायण मिश्र की याचिका पर जस्टिस अश्वनी कुमार मिश्र सुनवाई कर रहे थे।

लेबर कोर्ट में दी गई थी चुनौती

याची यूपी बोर्ड में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के पद पर था। 31 अक्टूबर 1986 को उसकी सेवा समाप्त कर दी गई। इसे लेकर लेबर कोर्ट में चुनौती दी गई। लेबर कोर्ट ने याची की सेवा नियमित मानते हुए उसे बहाल करने का निर्देश दिया। इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट ने भी सही ठहराया। इसके बाद याची ने पुन: याचिका दाखिल तृतीय श्रेणी कर्मचारी के पद पर प्रोन्नति की मांग की। हाईकोर्ट ने याची को 27 अप्रैल 2009 से जूनियर क्लर्क मानते हुए वरिष्ठता का लाभ देने का निर्देश दिया। इस आदेश के खिलाफ विशेष अपील दाखिल की गई। इस दौरान याची रिटायर हो गया। विभाग ने उसकी पेंशन और सेवा निवृत्ति परिलाभ रोक दिया। हाईकोर्ट ने कहा कि एक बार लेबर कोर्ट का आदेश सुप्रीम कोर्ट से तय हो चुका है। याची की सेवा 1083 से नियमित मानी जाएगी। स्पेशल अपील पर याची कोई आदेश नहीं हुआ है। याची को सेवा निवृत्ति लाभ देने का निर्णय दिया है।