ALLAHABAD: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भारतीय रेलवे में भर्ती में अनियमितता की जांच सीबीआई से कराने की मांग में दाखिल याचिका को निस्तारित करते हुए महाप्रबंधक उत्तर रेलवे नई दिल्ली को जांच पूरी करने का निर्देश दिया है। याचिका में रेलवे की नियुक्ति में धांधली का आरोप लगाया गया था। यह आदेश चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड तथा जस्टिस यशवंत वर्मा की खंडपीठ ने इलाहाबाद के सुनील कुमार श्रीवास्तव की याचिका को निस्तारित करते हुए दिया है। याचिका में उत्तर मध्य रेलवे में अस्थायी कर्मियों को नियमित करने में हुई धांधली और 'रेलवे भर्ती रैकेट का सरगना गिरफ्तार' जैसी खबरों को आधार बनाया गया है। रेलवे जिसकी जांच करा रहा है। इसी जांच को यथाशीघ्र पूरी करने का कोर्ट ने निर्देश दिया है।

गैव्रियल दाउद को अवमानना नोटिस

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इलाहाबाद हाईस्कूल सोसायटी मामले में यथास्थिति आदेश के बावजूद ब्वायज हाईस्कूल इलाहाबाद में निर्माण जारी रखने पर डायसिस लखनऊ के गैव्रियल दाउद को अवमानना नोटिस जारी की है तथा चार हफ्ते में जवाब मांगा है। यह आदेश जस्टिस आरडी खरे ने जॉन ऑगस्टीन की अवमानना याचिका पर दिया है। याचिका पर अधिवक्ता इरशाद अली ने बहस की। याचिका में सोसायटी की यथास्थिति कायम रखने के आदेश की अनदेखी कर चुनाव करने तथा निर्माण कराने का आरोप लगाया गया है।

बिजली विभाग के टैरिफ चार्ज को चुनौती

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गांवों में दस घंटे बिजली आपूर्ति के बदले 130 रुपये प्रतिमाह टैरिफ चार्ज लेने के खिलाफ याचिका पर राज्य सरकार से जानकारी मांगी है। याचिका की अगली सुनवाई 8 दिसंबर को होगी। यह आदेश चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड तथा जस्टिस यशवन्त वर्मा की खंडपीठ ने उप्र किसान सभा की जनहित याचिका पर दिया है। याचिका मैनपुर, कन्नौज जिलों में रेग्यूलेटरी कमीशन को संदर्भित किये बगैर टैरिफ वसूली को चुनौती दी गई है।

राजीव कुमार की नियुक्ति पर कोर्ट में घिरी सरकार

नोएडा में भूमि घोटाले को दोषी राजीव कुमार को प्रमुख सचिव पद पर बनाए रखने को लेकर राज्य सरकार हाईकोर्ट में घिरती नजर आ रही है। कोर्ट ने इस पर सरकार से चार हफ्ते में जवाब मांगा है। राजीव कुमार वर्तमान में प्रमुख सचिव नियुक्ति हैं। कोर्ट ने पूछा है कि कोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा है कि इतने महत्वपूर्ण पद पर सजायाफ्ता अधिकारी को क्यों तैनात किया गया है? इसके पीछे क्या कारण हैं? यह आदेश चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ तथा जस्टिस यशवंत वर्मा की खण्डपीठ ने पंजाब के पूर्व डीजीपी जेएफ रिबेरो व अन्य पूर्व आईपीएस अधिकारियों की जनहित याचिका पर दिया है।