प्रयागराजज/बरेली। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि आपराधिक मामले में आरोपित होने मात्र से पुलिस को आरोपी के परिवार के सदस्यों के साथ दु‌र्व्यवहार करने का अधिकार नहीं मिल जाता। कोर्ट की अनुमति लिए बगैर पुलिस रात में किसी भी समय अभियुक्त के घर का दरवाजा नहीं खटखटा सकती। कोर्ट ने यह टिप्पणी इज्जत नगर थाना क्षेत्र में रहने वाली गुल्फसा खान की याचिका की सुनवाई के दौरान की।

याची द्वारा पुलिस पर लगाये गये आरोपों को जस्टिस बी अमित स्थालेकर तथा जस्टिस पीयूष अग्रवाल की खण्डपीठ ने गंभीर माना और जिलाधिकारी बरेली को जांच कर एक माह में व्यक्तिगत हलफनामे के जरिये कोर्ट में रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है। याचिका की अगली सुनवाई 7 जनवरी 19 को होगी।

सभासद का चुनाव लड़ा था

याची के वकील केके मिश्र व वरुण मिश्र का कहना है कि याची के पति आबिद यार खान ने सभासदी का चुनाव लड़ा था। इसके बाद पुलिस याची के घर दिन हो या रात जब मर्जी आने लगी। धीरे-धीरे पुलिस गाली गलौज करने के साथ धमकाने भी लगी। इसके बाद गुल्फसा ने जिलाधिकारी और एसएसपी से इज्जतनगर थाने की पुलिस के खिलाफ घर में घुस कर दु‌र्व्यवहार करने की शिकायत की थी। शिकायत में कहा गया कि 19 मई 2017 को पुलिस रात नौ बजे उनके घर में घुस कर बिना कोई कारण बताये याची के पति को पकड़ कर ले गयी। शिकायत के बाद भी पुलिस के रवैये में बदलाव नहीं आया। याची ने सीजेएम की अदालत में अर्जी भी दाखिल की है, जो लंबित है।

याची का कहना

9 जुलाई 2018 की रात साढे़ 11 बजे पुलिस उपनिरीक्षक सुनील राठी व लाला और कांस्टेबल आशीष कुमार व सलीम खान ने याची के घर में घुसकर गाली गलौज की और धमकाया। याची की जान को खतरा है। उसकी सुरक्षा की जाय।

सरकारी वकील का कहना

याची के पति पर एनडीपीएस ऐक्ट, गुण्डा ऐक्ट व गैम्बलिंग एक्ट के तहत आपराधिक मामले चल रहे हैं

ोर्ट ने कहा

आपराधिक केस के कारण मात्र से पुलिस जब चाहे आरोपी के घर में रात में दबिश डालने का अधिकार नही मिल जाता, इसकी जांच का निर्देश दिया है।