-सूबे के उपनल कर्मियों को हाई कोर्ट से बड़ी राहत

-20 हजार से अधिक कर्मचारी होंगे लाभान्वित

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नैनीताल: हाई कोर्ट ने राज्य के उपनल कर्र्मियों को बड़ी सौगात दी है। कोर्ट ने सरकार को आदेश जारी किए हैं कि उपनल कर्मियों को एक वर्ष के भीतर नियमित किया जाए। इसके साथ ही उन्हें न्यूनतम वेतनमान देने के आदेश भी दिए गए हैं। कोर्ट ने साफ किया है कि सरकार कर्मचारियों को दिए जाने वाले एरियर में जीएसटी व सर्विस टैक्स की कटौती ना करे। कोर्ट के फैसले से राज्य के विभिन्न विभागों, संस्थानों, निगमों में कार्यरत 20 हजार से अधिक उपनल कर्मियों को लाभ मिलेगा।

सरकार से मांगा था जवाब

पिछले दिनों हाई कोर्ट के वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति राजीव शर्मा व न्यायमूर्ति शरद कुमार शर्मा की खंडपीठ ने सरकार से पूछा था कि उपनल कर्मचारियों के नियमितीकरण के लिए क्या नीति बनाई है। सरकार की ओर से जवाब में कोर्ट को बताया गया कि इस प्रकरण पर विचार किया जा रहा है। मामले के अनुसार कुंदन सिंह नेगी ने मुख्य न्यायाधीश को पत्र भेजकर उत्तराखंड पूर्व सैनिक कल्याण निगम (उपनल) द्वारा की जा रही नियुक्तियों पर रोक लगाने की मांग की थी। हाई कोर्ट ने इस पत्र का स्वत: संज्ञान लेते हुए जनहित याचिका के रूप में स्वीकार किया था। याचिका में कहा गया था कि उपनल का संविदा लेबर एक्ट में पंजीकरण नहीं है, इसलिए यह असंवैधानिक संस्था है। उपनल का गठन पूर्व सैनिकों व उनके आश्रितों के लिए हुआ था मगर राज्य सरकार ने इस संस्था को आउटसोर्सिग कर्मचारियों की नियुक्ति का माध्यम बना दिया। जिस पर पूर्ण नियंत्रण राज्य सरकार का है। याचिका में उपनल कर्मियों के सामाजिक व आर्थिक स्थिति को देखते हुए भविष्य के लिए नीति बनाने की मांग की थी। कोर्ट ने इस मामले में हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष एमसी पंत को न्यायमित्र नियुक्त किया था। अधिवक्ता पंत ने कोर्ट को बताया कि कर्मचारियों ने जब याचिका दायर की तो सरकार की ओर से बताया गया कि उन्हें साल में फिक्सनल बे्रेक दिया जाता है। कोर्ट ने इस ब्रेक को ना देने तथा इसे सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के विरुद्ध माना था। सोमवार को हाई कोर्ट की ओर से उपनल कर्मियों को नियमावली के अनुसार नियमित करने तथा उन्हें न्यूनतम वेतनमान देने के आदेश पारित किए।

उपनल कर्मियों पर एक नजर

- 20 हजार उपनल कर्मी हैं सरकारी विभागों में कार्यरत

- 12 हजार मासिक मानदेय दिया जाता है उपनल कर्मियों को

- 300 करोड़ रुपए उपनल कर्मियों के वेतन के रूप में सालाना देती है सरकार

- 1000 करोड़ रुपए देने होंगे सरकार को सालाना न्यूनतम वेतन की शर्त पर

ऊर्जा निगम कर्मियों के मामले में सुनवाई 14 को

ऊर्जा के तीनों निगमों में कार्यरत उपनल कर्मचारियों को 2011 की नियमावली के अनुसार नियमित करने के आदेश के मामले में सुनवाई 14 नवंबर को हाई कोर्ट की एकलपीठ में होगी। हाई कोर्ट ने ऊर्जा निगम के कर्मचारियों को नियमित करने का आदेश पूर्व में ही पारित किया था, जिसके खिलाफ ऊर्जा निगमों ने पुनर्विचार याचिका दायर की, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया था। जिसके बाद फिर से मामला कोर्ट पहुंचा है। जिस पर सुनवाई 14 नवंबर को होनी है।