इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश लोग सेवा आयोग को दिया पीसीएस जे का संशोधित परिणाम जारी करने का आदेश

ALLAHABAD: सवालों के गलत जवाब को लेकर दाखिल की गई थी हाईकोर्ट में याचिका तीन सवालों के उत्तर बदलने पर कोर्ट ने दिया महत्वपूर्ण फैसला लोक सेवा आयोग उत्तर प्रदेश को एक बार फिर मुंह की खानी पड़ी है। पीसीएस जे परीक्षा का मेंस करा लेने के बाद इंटरव्यू की प्रक्रिया आलमोस्ट पूरी हो जाने के बाद गलत जवाबों को देखते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्री का परिणाम बदलने का आदेश दे दिया है। तीन साल के भीतर यह दूसरा मौका होगा जब मेंस का परिणाम घोषित करने के बाद प्री का परिणाम आयोग संशोधित करेगा। कोर्ट के इस फैसले से पूर्व में घोषित परिणाम पर असर पड़ना तय है क्योंकि आयोग के बताए गए सही आंसर के आधार पर सेलेक्ट हुए कैंडीडेट्स को बाहर भी होना पड़ सकता है। आयोग के अफसर फिलहाल इस पर कुछ बोलने को तैयार नहीं हैं।

कोर्ट में दी गई थी चुनौती

बता दें कि लोक सेवा आयोग उत्तर प्रदेश पीसीएस-जे प्रारंभिक परीक्षा-2015 का परिणाम जारी करने के बाद मुख्य परीक्षा आयोजित करा चुका है। तीन सवालों का गलत जवाब और इसी के चलते मुख्य परीक्षा से बाहर हुए अभ्यर्थियों की याचिका पर कोर्ट ने प्री का परिणाम बदलने का आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा कि जिन अभ्यर्थियों ने सही उत्तर लिखे हैं, उन्हें उनके अंक दिए जाएं।

एक्सप‌र्ट्स की राय पर फैसला

यह आदेश जस्टिस दिलीप गुप्ता की अध्यक्षता वाली खण्डपीठ वान्या गुप्ता और रोहित नंद शुक्ला सहित कई अभ्यर्थियों की याचिका पर दिया है। याचियों ने प्रारंभिक परीक्षा में पूछे गए कई प्रश्नों का उत्तर कुंजी से मिलान के बाद आयोग का उत्तर गलत पाया। कोर्ट ने आयोग को सवालों के जवाबों पर विशेषज्ञ राय लेने का निर्देश दिया था। विशेषज्ञ राय आने के बाद कोर्ट ने माना कि याचियों ने सही उत्तर लिखे थे, आयोग के जवाब गलत थे। महत्वपूर्ण बात यह भी है कि माइका का उत्पादन किस राज्य में सबसे अधिक होता है? इस सवाल का जवाब जानने के लिए कोर्ट ने भारत सरकार से भी सही तथ्य स्पष्ट करने को कहा था। इसके बाद परिणाम संशोधित करके जारी करने का आदेश दिया गया।

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इन सवालों पर था विवाद

बद्रीनाथ मंदिर किन पहाडि़यों पर स्थित है?

राज्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति कौन करता है?

माइका का सर्वाधिक उत्पादक राज्य कौन है?