दो बार समय देने पर भी जवाब नहीं दाखिल किया तो कोर्ट ने उठाया सख्त कदम

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रमुख सचिव समाज कल्याण पर दो बार समय दिए जाने के बावजूद जवाब दाखिल न करने पर 50 हजार रुपये का हर्जाना लगाया है। उन्हें तीन सप्ताह में जवाब दाखिल करने का समय दिया गया है। कोर्ट ने कहा है कि हर्जाना राशि हाईकोर्ट विधिक सेवा समिति के खाते में जमा होगी। अगली सुनवाई 19 सितंबर को होगी।

यह आदेश जस्टिस तरुण अग्रवाल तथा अशोक कुमार की खंडपीठ ने कुशीनगर के शंभू चौधरी की याचिका पर दिया है। याची अधिवक्ता त्रिलोकी सिंह का कहना है कि याची को बिना सुने उसके पक्ष में जारी खरवार जाति का प्रमाण पत्र निरस्त कर दिया गया। तहसीलदार हाता की रिपोर्ट में कहा गया है कि जिले में 135 खरवार जाति के लोगों को अनुसूचित जाति का प्रमाण पत्र जारी किया गया था, जिसे रद कर दिया है। जिले में एक भी खरवार जाति का व्यक्ति नहीं है, इस रिपोर्ट पर जिलाधिकारी ने प्रमाण पत्र रद कर दिया। कमिश्नर ने अपील भी खारिज कर दी। इन दोनों आदेशों को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है। कोर्ट ने याचिका पर जवाब दाखिल करने का दो बार समय दिया। जब सात हफ्ते बाद भी जवाब दाखिल नहीं हुआ तो कोर्ट ने कड़ा रुख अख्तियार किया।