बाल संरक्षण गृह का निरीक्षण करने आएगी टीम, सरकार को किया तलब

घटनाक्रम से जुड़े अधिकारियों और कर्मचारियों की भूमिका पर स्पष्टीकरण

Meerut। मेरठ के बाल संरक्षण गृह में बालक के साथ हुए कुकर्म प्रकरण में हाईकोर्ट ने सख्त रवैया अपनाते हुए घटनाक्रम से जुड़े विभागीय अधिकारियों और कर्मचारियों से स्पष्टीकरण तलब किया है तो वहीं जल्द ही कोर्ट की टीम निरीक्षण के लिए मेरठ पहुंच रही है।

हाईकोर्ट ने लिया संज्ञान

8 जुलाई को राजकीय बाल संरक्षण गृह मेरठ में एक मासूम बालक के साथ निगरानी में तैनात कर्मचारी जावेद अंसारी ने कुकर्म किया, हाउस के केयर टेकर अय्यूब हसन ने इस पूरे घटनाक्रम को छिपाकर रखा। खुलासे के बाद हाईकोर्ट ने महिला कल्याण निदेशालय से प्रकरण में अब तक की गई कार्यवाही के संबंध में रिपोर्ट तलब की है। कोर्ट ने दो सदस्यीय जांच समिति की रिपोर्ट और दोषियों के खिलाफ की गई कार्रवाई के बारे में भी शासन से जानकारी हासिल की है।

निरीक्षण करेगा हाईकोर्ट

वहीं दूसरी ओर प्रधान मजिस्ट्रेट द्वारा भी घटनाक्रम के संबंध में विस्तृत रिपोर्ट हाईकोर्ट को भेज दी गई है। सूत्रों के मुताबिक जल्द ही हाईकोर्ट की टीम निरीक्षण के लिए मेरठ के राजकीय बाल संरक्षण गृह पहुंचेगी। हाईकोर्ट ने जुवेनाइल जस्टिस एक्ट के तहत पीडि़त बालक की देखरेख और संरक्षण के निर्देश जिला प्रोबेशन विभाग को दे दिए हैं। जिला प्रोबेशन अधिकारी श्रवण कुमार गुप्ता का कहना है कि एक्ट के अनुपालन में पीडि़त बालक की देखरेख की जा रही है।

ये है घटनाक्रम

21 जुलाई 2018 : प्रधान मजिस्ट्रेट जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड प्रीति चौधरी की जांच में राजकीय बाल गृह में रह रहे बालक ने निरीक्षण के दौरान हैवानियत बयां की। कर्मचारी पर लगाया कुकर्म का आरोप।

23 जुलाई 2018 : घटनाक्रम के खुलासे के बाद डीएम अनिल ढींगरा के निर्देश पर थाना नौचंदी में मुकदमा दर्ज। मुख्य आरोपी जावेद की गिरफ्तारी, केयर टेकर अय्यूब हसन फरार।

-डीएम के निर्देश पर एसीएम ने प्रकरण की जांच की, आरोप सही साबित। जांच अधिकारी को प्रोबेशन विभाग की लापरवाही मिली। डीएम ने डीपीओ समेत विभिन्न कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई के शासन को लिखा।

2 सितंबर 2018 : महिला कल्याण निदेशालय के निर्देश पर 2 सदस्यीय टीम मेरठ पहुंची। पीडि़त बालक से जानकारी हासिल की। 3 दिन तक जुटाए साक्ष्य और दर्ज किए बयान।

5 सितंबर 2018 : जांच रिपोर्ट महिला कल्याण निदेशालय में दाखिल। जांच रिपोर्ट की बिना पर केयर टेकर अय्यूब हसन सस्पेंड, मुकदमा दर्ज कराने के आदेश। डीपीओ समेत 12 अधिकारियों-कर्मचारियों पर कार्रवाई की संस्तुति