-केंद्र और राज्य शासन से 6 मई तक मांगा जवाब, 9 को सुनवाई

नैनीताल

सूबे के सुलगते जंगलों को लेकर नैनीताल हाईकोर्ट ने संज्ञान लिया है और राज्य शासन के साथ साथ केंद्र सरकार से भी जवाब तलब किया है। कोर्ट ने दोनों से कई सवाल किए हैं और इनके जवाब 6 मई तक मांगे हैं। मामले की सुनवाई कोर्ट 9 मई को करेगा। सोमवार को मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति केएम जोसफ व न्यायमूर्ति यूसी ध्यानी की खंडपीठ ने आग की घटनाओं पर स्वत: संज्ञान लिया।

अदालत के 12 सवाल

1-आग से कितने प्रकार की वनस्पति और पेड़ प्रभावित हुए।

2-क्या चीड़ के पेड़ से निकलने वाला लीसा आग लगाने में सहायक है।

3-क्या इसरो द्वारा आग लगने से पहले अलर्ट जारी किया जाता है।

4-अलर्ट क्या नोडल अफसर की ओर से जारी किया जाता है।

5-इसरो से अतिरिक्त और कौन सी एजेंसी आग की सूचना देती है।

6-दावानल नियंत्रण में वन विभाग व अग्निशमन विभाग के बीच तालमेल है अथवा नहीं।

7-आग बुझाने में संसाधनों का प्रयोग कैसे किया जाता है।

8-आग बुझाने में लगे कार्मिकों को महज 162 रुपये प्रतिदिन क्यों दे रहे हैं।

9-जंगलों में लगी आग मानवजनित है अथवा प्राकृतिक। यदि मानवजनित है तो कितने लोग अब तक पकड़े गए हैं।

10-क्या जंगलों में पानी के टैंक व छोटे तालाब की व्यवस्था की गई है।

11-क्या आग बुझाने के लिए पानी के अलावा कोई कैमिकल अथवा फॉगिंग की जा सकती है।

12-क्या राज्य योजना, जिला योजना में आग बुझाने के लिए योजना बनाई जाती है। प्रत्येक विभाग में आपदा नियंत्रण सेल का गठन किया गया है।