रांची : झारखंड हाई कोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा है कि एसीबी (भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो) को स्वतंत्र इकाई के तौर पर काम करने देने के लिए क्या किया जा सकता है. राज्य सरकार को इस संबंध में अपना जवाब हाई कोर्ट में दाखिल करना है. मुख्य न्यायाधीश जस्टिस अनिरुद्ध बोस व जस्टिस एचसी मिश्र की खंडपीठ ने मंगलवार को एक जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए सरकार को उक्त निर्देश दिया. मामले में अगली सुनवाई 21 जून को होगी. झारखंड अगेंस्ट करप्शन ने दायर की थी जनहित याचिका. याचिका में एसीबी, मानवाधिकार आयोग व लोकायुक्त आदि को अधिक अधिकार देने और स्वतंत्र एजेंसी बनाने की मांग की गई थी. कहा गया है कि ऐसा करने से ये एजेंसियां निष्पक्ष जांच और कार्रवाई कर सकेंगी. एसीबी में मामला चलने के लिए निगरानी आयुक्तसे सहमति लेनी होती है. वहीं लोकायुक्त को एसीबी की जांच पर ही भरोसा करना पड़ता है. सुनवाई के बाद अदालत ने याचिकाकर्ता को निर्देश दिया कि वह एक ही एजेंसी की बात करे और बाकी के लिए अलग से याचिका दायर करे.

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पुलिस आयोग मामले में मांगा जवाब

रांची : झारखंड हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस अनिरुद्ध बोस व जस्टिस एचसी मिश्र की अदालत ने राज्य में पुलिस आयोग का गठन करने और उसके कायरें के संबंध में राज्य सरकार से जवाब मांगा है. अदालत ने इस मामले में कोर्ट को सहायता प्रदान करने के लिए अधिवक्ता इंद्रजीत सिन्हा को न्याय मित्र बनाया है. सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर स्वत: संज्ञान लेते हुए इस मामले को जनहित याचिका में तब्दील कर अदालत ने सुनवाई शुरू की है. अदालत ने राज्य सरकार को 21 जून तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है. पुलिस सुधार लागू करने के लिए राज्यों में पुलिस आयोग का गठन सुप्रीम कोर्ट ने आवश्यक माना है. यह विषय पुलिस वालों की कार्य-प्रणाली और उनको प्राप्त तकनीकी और अन्य सहयोग से जुड़ा हुआ है. चूंकि हर नागरिक की सुरक्षा पुलिस के ही जिम्मे है, इसलिए पुलिसकर्मियों को मिलने वाली सुविधाएं ज्यादा मायने रखती हैं.

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जनहित को रिट याचिका में बदलने का निर्देश

रांची : झारखंड हाई कोर्ट ने झारखंड स्टेट सुन्नी वक्फ बोर्ड का चुनाव कराने संबंधी जफर अंसारी की जनहित याचिका को रिट याचिका में बदलने का निर्देश दिया है. चीफ जस्टिस अनिरुद्ध बोस व एचसी मिश्र की अदालत ने उक्त याचिका की सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया. अदालत ने कहा कि यह मामला जनहित याचिका के लायक नहीं है.

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आश्रय गृहों के स्वीकृत पदों के अनुरूप बहाली करें : हाई कोर्ट

रांची : स्वत: संज्ञान ली गई एक याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट में मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने सरकार को राज्य के सभी आश्रय गृहों में स्वीकृत पदों के अनुरूप बहाली का निर्देश दिया है. पूर्व में इस विषय पर सुनवाई के बाद सरकार ने मंगलवार को अदालत को बताया कि आश्रय गृहों में आधी से अधिक बहालियां कर ली गई हैं. अदालत ने इसको संवेदनशील विषय करार देते हुए अभी भी रिक्त पदों पर बहाली संबंधी जवाब जून में दायर करने का निर्देश दिया.

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