- मुख्य सचिव ने हाईकोर्ट में दी जानकारी

- लविवि में शिक्षकों से मारपीट मामले में हुईं सात गिरफ्तारियां

- विश्वविद्यालयों से समन्वय के लिए बनाई गई कमेटी

रुष्टयहृह्रङ्ख : इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ के समक्ष सोमवार को मुख्य सचिव की ओर से हलफनामा दाखिल कर बताया गया कि विश्वविद्यालयों-महाविद्यालयों से समन्वय बनाए रखने के लिए पूर्व आदेश के अनुपालन में कमेटी का गठन किया गया है। सुनवायी के दौरान डीजीपी व एसएसपी की ओर से भी शपथ पत्र दाखिल किया गया, जिसमें लखनऊ विश्वविद्यालय के शिक्षकों से हुई मारपीट के मामले में सात गिरफ्तारियां किए जाने की बात कही गई। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पूछा कि पूर्व एसएसपी का तबादला किए जाने की क्या वजह रही। कोर्ट ने अगली सुनवायी छह अगस्त नियत करते हुए प्रमुख सचिव गृह व डीजीपी से पुन: स्टेटस रिपेर्ट मांगी है।

जनहित याचिका पर निर्णय

यह आदेश जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस राजेश सिंह चौहान की बेंच ने परित किया। पूर्व में कोर्ट ने लखनऊ विश्वविद्यालय में शिक्षकों के साथ हुई मारपीट की घटना पर स्वत: संज्ञान लेते हुए दर्ज जनहित याचिका पर दिया। सोमवार को सुनवाई के दौरान मुख्य सचिव, डीजीपी, एसएसपी, कुलपति व प्रॉक्टर की ओर से अलग-अलग हलफनामा दाखिल किया गया। डीजीपी की ओर से दाखिल हलफनामे में बताया गया कि सभी एसएसपी व एसपी को दिशा-निर्देश भेजे गए हैं। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पूछा कि पूर्व एसएसपी का तबादला किए जाने की क्या वजह रही।

प्रॉक्टर ने दाखिल किया हलफनामा

राज्य सरकार की ओर से सुनवाई के दौरान अपर महाधिवक्ता वीके शाही, मुख्य स्थाई अधिवक्ता रमेश पांडेय व अपर मुख्य स्थाई अधिवक्ता सिधार्थ धवन मौजूद रहे। लखनऊ विश्वविद्यालय की ओर से अपर मुख्य स्थाई अधिवक्ता सवित्र वर्धन सिंह ने पक्ष रखा। प्रॉक्टर की ओर से दाखिल हलफनामे में विश्वविद्यालय परिसर में शिक्षकों से हुई मारपीट की घटना का विवरण दिया गया।