- ट्रामा सेंटर से इमरजेंसी तक मरीज के साथ तीमारदार लगाता रहा चक्कर

- किसी ने भी इलाज के लिए नहीं उठाई जहमत

GORAKHPUR: बीआरडी ने वाकई हद कर दी है। मरीजों को इलाज के नाम पर सिर्फ परेशान किया जा रहा है। गुरुवार दोपहर बुखार के मरीज को बिना इलाज के लौटा दिया गया। इस बीच मरीज के साथ आए तीमारदार ट्रामा सेंटर से इमरजेंसी और ईएनटी ओपीडी तक दौड़ते रहे लेकिन डॉक्टर नहीं मिले। आखिर में थकहार कर मजबूरन अपने मरीज को लेकर वह प्राइवेट हॉस्पिटल चले गए।

मजबूर पिता लगाता रहा चक्कर

महराजगंज जिले के श्यामदेउरवां एरिया रामपुर चकिया निवासी बिशुन सिंह अपनी 15 वर्षीय बेटी शम्भवी सिंह को ले गुरुवार दोपहर मेडिकल कॉलेज इमरजेंसी में पहुंचे। शम्भवी को तेज बुखार था और गला अकड़ रहा था। उसे इमरजेंसी से एपिडेमिक वार्ड नंबर 12 में भेजा गया। जहां डॉक्टर ने फैमिली मेंबर्स को ईएनटी ओपीडी में ले जाने की सलाह दी। इसके बाद बिशुन बेटी को स्ट्रेचर पर लेकर ईएनटी ओपीडी पहुंचे लेकिन वहां डॉक्टर नहीं मिले। परेशान पिता मेडिसिन इमरजेंसी वार्ड नंबर 14 गए, जहां डॉक्टर्स ने ट्रामा सेंटर भ्ोज दिया।

किसी ने नहीं सुनी

ट्रामा सेंटर पहुंचने पर ईएमओ ने ईएनटी के रेजिडेंट को कॉल किया मगर आधे घंटे तक कोई नहीं पहुंचा। तब ईएमओ ने मेडिसिन इमरजेंसी में जाने की सलाह दी। परेशान पिता दोबारा डॉक्टर्स के पास पहुंचे, लेकिन डॉक्टर्स ने इलाज करने की जगहलौटा दिया। थकहार कर वे बेटी को लेकर प्राइवेट हॉस्पिटल चले गए।

वर्जन

फैमिली मेंबर्स की तरफ से किसी प्रकार की शिकायत नहीं की गई है। अगर गंभीर बुखार के मरीज को बिना इलाज लौटाया गया है तो ये ठीक नहीं है। इसकी जांच कराई जाएगी।

- डॉ। एके श्रीवास्तव, एसआईसी नेहरू चिकित्सालय