वाराणसी भेजने की तैयारी थी

शहर में 31 मई को तेज बारिश से कानपुर बनारस ट्रांसपोर्ट के गोदाम में पानी भर गया था। पाउडर में पानी पड़ते ही केमिकल रिएक्शन से गैस निकलने लगी थी। जिसकी दुर्गन्ध पूरे एरिया में फैल गई। आसपास के लोगों ने ट्रांसपोर्ट मालिक से शिकायत की, लेकिन वहां से संदिग्ध पाउडर न हटाए जाने पर लोगों ने पुलिस को सूचना दे दी थी। जिस पर बाबूपुरवा एसओ ने गोदाम में छापा मारा, तो वहां से 62 बोरी संदिग्ध पाउडर बरामद हुआ। पुलिस की पूछताछ में ट्रांसपोर्ट मालिक से पूछताछ की, तो वह सटीक जवाब देने के बजाए गोलमोल बात करने लगे। शक होने पर पुलिस ने पाउडर को जांच के लिए फॉरेन्सिक लैब भेज दिया।

चार आरोपी हुए थे गिरफ्तार

कानपुर-बनारस ट्रांसपोर्ट से पकड़े गए संदिग्ध पाउडर के केस में पुलिस ने ट्रांसपोर्ट मालिक कुलदीप और यशोदानगर के विवेक कुमार तिवारी को गिरफ्तार किया था। पूछताछ में मिले क्लू के आधार पर पुलिस ने बाद में वाराणसी के आदमपुर से महबूब आलम के बेटे नियाज और लखनऊ से मोइनुददीन को भी गिरफ्तार कर लिया था। सभी आरोपी गिरफ्तारी के बाद से जेल में है। केस में नरसिंह समेत दो आरोपी फरार चल रहे हैं। उनकी तलाश में पुलिस लगातार दबिश दे रही है।

लगा रखी थी अवैध फैक्ट्री

एसएसपी यशस्वी यादव ने बताया था पाउडर सिंह मेटल कम्पनी और गुलाटी मेटल वक्र्स पुखरायां से खरीदा गया था। जिस पर पुलिस ने वहां पर छापा मारकर 40 बोरी और संदिग्ध पाउडर पकड़ा था, लेकिन वहां से फैक्ट्री मालिक फरार हो गया था। उनकी तलाश की जा रही है। लखनऊ और वाराणसी से पकड़े गए आरोपियों को तुरंत जेल भेजे जाने के कारण पुलिस उनसे पूछताछ नहीं कर पाई थी। पुलिस के एक अधिकारी ने जेल में जाकर दोनों से पूछताछ की गई जिसमें कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां हासिल हुई थीं।

आईएम कनेक्शन की जांच होगी

एसएसपी ने ये भी बताया कि फॉरेन्सिक रिपोर्ट वाकई चौकाने वाली है। इस तरह का विस्फोटक आतंकी संगठन और नक्सली इस्तेमाल करते हैं। मालेगांव व हैदराबाद बम धमाकों में ऐसे ही विस्फोटक का यूज किया गया था। पकड़े गए विस्फोटक का आईएम चीफ यासीन भटकल के नेटवर्क से कोई ताल्लुक है या नहीं, इस बात की जांच की जा रही है।

पुराना है सिटी का आतंकी कनेक्शन

शहर का आतंकी कनेक्शन बहुत पुराना है। यहां पर दो दशक पहले आतंकी अब्दुल करीम टुंडा की आवाजाही के सबूत मिले हैं। यहां पर उसका खास गुर्गा रूसी पठान पकड़ा गया था। टुंडा नेपाल के डॉन दिलशाद मिर्जा के जरिए वहां नेटवर्क चलाता था, लेकिन उसकी मौत के बाद उसने नेपाल में रहकर अपना नेटवर्क खड़ा किया। सिटी में पूर्व में हुए बड़े बम धमाकों में भी आईएम का हाथ होने के संकेत मिलते रहे हैं। सिटी में प्रतिबंधित संगठन सिमी और आईएसआई के कई एजेंट पकड़े जा चुके हैं।

"ये हैवी इंटेसिटी वाला विस्फोटक है। ज्यादातर इसे आतंकी संगठन और नक्सली बम धमाकों में यूज करते हैं। फॉरेसिंक रिपोर्ट मिलने के बाद मामले की नए सिरे जांच की जा रही है। "

यशस्वी यादव, एसएसपी