आई-एनालेसिस

नड्डा दे रहे भाषण में पहाड़ी टच, शाह से टकराएंगे सिब्बल

-परिवर्तन और सतत विकास यात्राओं के जरिये दिख रही है ताकत

-कुमाऊं में सात दिसंबर को होगा दोनों दलों का शक्ति परीक्षण

DEHRADUN: उत्तराखंड में सियासी युद्ध का आधार तैयार हो चुका है। ऐलान होना बाकी है। सियासी सेना की हौसलाअफजाई के लिए कमांडरों ने दमखम दिखाना तेज कर दिया है। बीजेपी के केंद्रीय मंत्री तो माहौल बनाने में जुटे ही हैं, दोनों चुनाव प्रभारी जेपी नड्डा और धर्मेद्र प्रधान जिम्मेदारी का अतिरिक्त बोझ लेकर मैदान में डटे हुए हैं। दून में परिवर्तन रैली में नड्डा ने अपने भाषण को पहाड़ी टच देकर वोटरों को लुभाने का प्रयास किया। इधर, सीएम हरीश रावत भी दून से लेकर कुमाऊं तक सियासी चौक्के-छक्के जड़ते रहे। रोमांचक मुकाबला सात दिसंबर को कुमाऊं में देखने को मिलेगा, जहां हल्द्वानी में अमित शाह कांग्रेस पर हमलावर होंगे, तो जवाब देने के लिए अब काशीपुर में कपिल सिब्बल का प्रोग्राम तय हो गया है।

शाह-सिब्बल की सभा, भीड़ की चुनौती

सात दिसंबर को सियासी संग्राम का केंद्र कुमाऊं बनेगा। हल्द्वानी में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह की सभा होगी। यह उत्तराखंड में उनकी पिछले एक महीने के भीतर तीसरी सभा होगी, जबकि पहली बार कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल किसी सभा में शरीक होंगे। सिब्बल शाह से कुछ ही दूरी पर स्थित काशीपुर में बीजेपी पर हमला करेंगे। चुनावी मोड में आ चुके दोनों दलों का यह इम्तिहान होगा कि वह अपने वरिष्ठ नेताओं की सभा में कितनी भीड़ जुटा पाते हैं।

धर्मेद्र प्रधान का अनुभव भी दांव पर

केंद्रीय मंत्री और बीजेपी के चुनाव प्रभारी धर्मेद्र प्रधान सोमवार को दून में होंगे। धर्मेद्र प्रधान पिछले चुनाव में उत्तराखंड बीजेपी के सह प्रभारी रह चुके हैं। जेपी नड्डा की तुलना में उत्तराखंड को ज्यादा जानते हैं। लिहाजा इस चुनाव में पार्टी के बेहतर प्रदर्शन का काफी कुछ दारोमदार उनके ऊपर भी टिका है।

वार-पलटवार: किसने क्या कहा

मैं पहाड़ यानी हिमाचल प्रदेश से हूं, जानता हूं पहाड़ का दर्द क्या होता है। हरीश रावत सरकार ने पहाड़ की तकलीफ को बढ़ाया है। बीजेपी को सत्ता में लाएं। ये दर्द हर हाल में दूर हो जाएगा।

-जेपी नड्डा, केंद्रीय मंत्री और चुनाव प्रभारी बीजेपी।

-हमारी सतत विकास यात्राओं में उमड़ रही भीड़ संकेत हैं कि कांग्रेस सत्ता में वापसी करेगी। बीजेपी की परिवर्तन यात्राएं फ्लाप साबित हो रही हैं, जो कि प्रमाण है कि बीजेपी के दिन लदने वाले हैं।

-किशोर उपाध्याय, पीसीसी चीफ, उत्तराखंड।