माध्यमिक शिक्षा परिषद की बोर्ड मीटिंग में लिया गया बड़ा फैसला

व्यक्तिगत छात्रों पर नहीं लागू होगा यह नियम, कई अन्य महत्वपूर्ण फैसले

ALLAHABAD: जब चाहें तब पढ़ें का फॉर्मूला लागू रहेगा लेकिन रेग्युलर छात्र के रूप में नहीं। यह ऑप्च्र्युनिटी आपको प्राइवेट छात्र के रूप में ही मिलेगी। जी हां, माध्यमिक शिक्षा परिषद बोर्ड ने रेग्युलर छात्र के रूप में हाईस्कूल की परीक्षा में बैठने की एज लिमिट तय कर दी है। 18 साल की उम्र वाले छात्र ही संस्थागत छात्र के रूप में परीक्षा में एपीयर हो सकेंगे। इसके बाद नहीं। बुधवार को हुई परिषद बोर्ड की मिटिंग में इसके साथ कई अन्य महत्वपूर्ण फैसले लिए गए।

अगले सत्र से हो जाएगा लागू

हाईस्कूल के रेग्युलर छात्रों के लिए एज लिमिट तय करने के बाद इसे नए सत्र से लागू कर देने का फैसला लिया गया। बता दें कि इस साल बोर्ड का नया सत्र जुलाई से शुरू होगा। यूपी बोर्ड की परीक्षाओं में शामिल होने वाले ऐसे स्टूडेंट्स जो व्यक्तिगत छात्र के रूप में परीक्षा देते है। उनके लिए पुराने नियमों के अनुसार ही व्यवस्था लागू की जाएगी। इंटरमीडिएट के लिए तय किया गया कि हाईस्कूल की परीक्षा के बाद दो साल तक छात्र ने रेग्युलर छात्र के रूप में रजिस्टर्ड नहीं कराया है तो वह सिर्फ प्राइवेट परीक्षार्थी के रूप में परीक्षा दे सकता है।

प्रोफेशनल सब्जेक्ट अनिवार्य करने की तैयारी

इंटरमीडिएट में स्टूडेंट्स के लिए एक व्यवसायिक विषय को अनिवार्य करने की तैयारी भी बोर्ड कर रहा है। बोर्ड मीटिंग के दौरान इस प्रस्ताव पर भी सभी मेंबर्स के सामने चर्चा हुई। सदस्यों ने कम से कम एक प्रोफेशनल सब्जेक्ट को अनिवार्य किए जाने पर बल दिया। इस पर कोई फैसला लेने से पहले तय किया गया कि प्रस्ताव शासन को भेज दिया जाय। वहां से ओके आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाय। मिटिंग में व्यवसायिक विषय अनिवार्य किए जाने पर जरूरी ट्रेंड शिक्षकों की कमी बड़ा रोड़ा बनने पर भी बात हुई। इस पर संविदा पर ऐसे शिक्षकों को नियुक्ति करने की बात रखी गई। फाइनली तय हुआ कि इसके लिए बोर्ड की ओर से पूरा प्रस्ताव तैयार करके उसमें प्रयोग होने वाले बजट आदि को शामिल करते हुए शासन को भेज दिया जाय। शासन से बजट पास होने और प्रस्ताव पर मंजूरी मिलने के बाद उसे लागू कर दिया जाएगा। मिटिंग में यूपी बोर्ड के डायरेक्टर व परिषद के सभापति अमर नाथ वर्मा, सचिव शैल यादव, सचिव प्रशासन शिवलाल, क्षेत्रीय सचिव बरेली विनोद कृष्णा, क्षेत्रीय सचिव वाराणसी समेत अन्य बोर्ड मेंबर्स मौजूद रहे।

इन प्रस्तावों पर बनी सहमति

नए स्कूलों की मान्यता के लिए अब सिर्फ ऑनलाइन आवेदन लिया जाएगा

संस्थागत छात्र 18 साल की उम्र तक ही दे सेंकेंगे हाईस्कूल की परीक्षा

हाईस्कूल पास करने के बाद दो साल का गैप हुआ तो नहीं दें सकेंगे इंटरमीडिएट की रेग्युलर छात्र के रूप में परीक्षा

योग विषय को नैतिक शिक्षा में 20 नंबर को किए जाने का प्रस्ताव मंजूर

इंटरमीडिएट में एक व्यवसायिक विषय की पढ़ाई होगी अनिवार्य

नई व्यवस्था सिर्फ संस्थागत छात्रों के लिए की गई है। हाईस्कूल की तरह ही इंटरमीडिएट की बोर्ड परीक्षा में शामिल होने वाले संस्थागत छात्रों के लिए अधिकतम उम्र सीमा का निर्धारण किया गया है।

-शैल यादव

सचिव, यूपी बोर्ड, इलाहाबाद