- माइक्रोसॉफ्ट और कनाडा की पुलिस ने की शिकायत

- दून के 4 कॉल सेंटर से धरे गए 5 साइबर एक्सपर्ट ठग

- कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, यूएस के कई नागरिकों को ठग चुकी गैंग

DEHRADUN: दून में बैठकर विदेशियों को ठगने वाले 5 हाईटेक साइबर एक्सपर्ट पुलिस ने दबोचे हैं। आरोपी दून स्थित चार कॉल सेंटर्स से खुद को नामी कंपनियों का टेक्निकल एडवाइजर बताते हुए विदेशियों को झांसे में लेते थे। विदेशियों के कंप्यूटर सिस्टम रिमोट पर लेकर वे प्रॉब्लम क्रिएट करते थे फिर कॉल कर झांसा देते थे और उसे ठीक कराने के एवज में उनसे मोटी रकम ऐंठ लेते थे। दून पुलिस को माइक्रोसॉफ्ट कंपनी और कनाडा की पुलिस ने इस संबंध में इनपुट दिए थे। इसके बाद एसएसपी के निर्देश पर गठित पुलिस की चार टीमों ने कॉल सेंटर्स में दबिश देकर पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है। उनके कब्जे से इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज, हार्ड डिस्क, लैपटॉप और कुछ दस्तावेज बरामद हुए हैं।

माइक्रोसॉफ्ट और कनाडा पुलिस ने की थी कंप्लेन
माइक्रोसॉफ्ट और कनाडा की पुलिस ने एक हफ्ते पहले एसएसपी निवेदिता कुकरेती से फेक कॉल सेंटर द्वारा कनाडा में लोगों को ठगे जाने की कंप्लेन की थी। इसके बाद एसएसपी ने पुलिस की चार टीमें गठित कीं और मंगलवार रात को ट्रांसपोर्ट नगर में संधू सेंटर और क्लेमेंट टाउन में बिजनेस पार्क स्थित चार कॉल सेंटर्स पर दबिश दी, इस दौरान पांच साइबर एक्सप‌र्ट्स हिरासत में लिए गए। उनके कब्जे से हार्ड डिस्क, लैपटॉप और जरूरी दस्तावेज भी पुलिस ने अपने कब्जे में ले लिये हैं।

दो थानों में केस दर्ज
मंगलवार को ही भूपेंद्र सिंह पुत्र बलवीर सिंह निवासी जीवन पार्क उत्तमनगर दिल्ली द्वारा थाना पटेलनगर और क्लेमंटटाउन में सीडीआईटी एक्ट के तहत आरोपियों के खिलाफ ठगी का केस भी दर्ज कराया था।

कोल्ड कॉलिंग
विदेशियों को ठगने का पहला तरीका कोल्ड कॉलिंग का था, जिसमें वे अलग-अलग नंबरों पर कॉल करके लोगों को टेक्निकल सपोर्ट को लेकर झांसे में लेते थे। उन्हें बताया जाता था कि उनके कंप्यूटर सिस्टम में खराबी आ सकती है, जिसे वे पहले ही सॉल्व कर सकते हैं, विदेशी झांसे में आ जाते थे और प्रॉब्लम सॉल्व करने के लिए मोटी रकम ठगों को ऑनलाइन चुका देते थे।

पॉप-अप
दुसरा तरीका पॉप-अप एड का था। आरोपी माइक्रोसॉफ्ट कंपनी के फेक पॉप-अप विदेशियों के सिस्टम में सेंड करते थे। जिसमें कंप्यूटर प्रॉब्लम्स के बारे में बताया जाता था और टेक्निकल सपोर्ट लेने की बात कही जाती थी। पेड सपोर्ट लेने के लिए पॉप-अप के साथ टोल-फ्री नंबर होता था, जिस पर लोग कॉल करते थे और ठग लिये जाते थे।

रिमोट एसेसरीज गेन
तीसरा तरीका रिमोट एसेसरीज गेन करने का था जिसमें ये खुद कंप्यूटर यूजर का सिस्टम खराब कर देते थे। इसके बाद उसे ठीक कराने के लिए कॉल करते थे और पैसे ऐंठ लेते थे। जबकि यूजर का कंप्यूटर खराब ही नहीं होता था। इनके एड गूगल पर भी फ्लैश होते थे, ऐसे में कंप्यूटर यूजर इन पर जल्दी विश्वास कर लेते थे।

ये शातिर धरे पुलिस ने

-रंजन कुमार (26) पुत्र विजय कुमार निवासी ग्राम सुदना, झारखंड हाल निवास चंद्रबनी पटेलनगर

- मयंक बंसल (28)पुत्र सुरेश बंसल निवासी चंद्रबनी पटेलनगर

-राजा लांबा पुत्र कुमार लांबा निवासी राजपुर, देहरादून।

-संदीप राणा (41) पुत्र करतार चंद निवासी चंद्रबनी थाना पटेलनगर

-अंशुल श्रीवास्तव पुत्र त्रिपुरारी जीएमएस रोड देहरादून

आरोपियों से यह बरामद

हार्ड डिस्क- 27

कम्प्यूटर - 4

लैपटॉप -3

मोबाइल -3

पेन ड्राइव -1

पांचो आरोपी हाइली एजुकेटेड

गिरफ्तार किए गए पांचों आरोपी हाइली एजुकेटेड हैं। इसके अलावा वे टेक्निकली साउंड हैं, साइबर मामलों के जानकार हैं और बाहरी प्रदेशों से भी संबंध रखते हैं।

250 डॉलर लेते थे फीस
आरोपियों द्वारा फ्रॉड का एक रीसेंट मामला सामने आया है। इसमें आरोपियों ने एक विदेशी के कंप्यूटर सिस्टम पर पॉप-अप सेंट किया। जिसके कारण उसके कंप्यूटर का सिस्टम गड़बड़ा गया। इसे ठीक कराने के लिए आरोपियों ने कंप्यूटर यूजर से 250 डॉलर वसूल किए, जबकि उसके सिस्टम में मूल रूप से कोई कमी नहीं थी।

 

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जिन कॉल सेंटर्स में दबिश दी गई उनके पास डीओटी का रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट भी नहीं है। मंगलवार रात इन कॉल सेंटर्स पर दबिश देकर 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया जो इंग्लिश कंट्रीज के कंप्यूटर यूजर्स को झंासे में लेकर अवैध तरीके से पैसे वसूलते थे। आरोपियों से पूछताछ की जा रही है।

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निवेदिता कुकरेती, एसएसपी