- कोर्ट ने निर्माण एजेंसी को पक्षकार बनाने के दिए आदेश

NANITAL: मरचूला-भिकियासैंण के लिए बन रहे मोटर मार्ग का मलबा रामगंगा नदी में फेंकने पर हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है। कोर्ट ने निर्माण एजेंसी को सप्ताहभर में पक्षकार बनाने के आदेश दिए हैं। मामले की अगली सुनवाई एक सप्ताह बाद होगी।

रामगंगा में फेंका जा रहा मलबा

हल्द्वानी के मानवाधिकार कार्यकर्ता गुरुविंदर चड्ढ़ा ने इस संबंध में जनहित याचिका दायर की है। याचिका में कहा गया है कि लोनिवि की मिलीभगत से निर्माण कर रही कंपनी सड़क कटान का मलबा रामगंगा नदी में फेंक रही है। जबकि, टेंडर के वक्त पर्यावरण एवं वन मंत्रालय भारत सरकार द्वारा मलबा फेंकने के लिए आठ डंपिंग जोन घोषित किए थे। याचिका में यह भी कहा गया है कि कार्बेट नेशनल पार्क का मुख्य जलस्रोत रामगंगा है, मलबा डालने की वजह से नदी का मार्ग अवरुद्ध हो गया है। इससे नदी में पाए जाने वाले जीवों को खतरा पैदा हो गया है। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति केएम जोसफ व न्यायमूर्ति शरद कुमार शर्मा की खंडपीठ ने मामले को सुनने के बाद निर्माण कर रही कंपनी को याचिकाकर्ता से पक्षकार बनाने के आदेश दिए हैं।