- हाई कोर्ट ने प्रधानाचार्य पदों पर पदोन्नति प्रक्रिया पर अग्रिम आदेशों तक लगाई रोक

- कोर्ट ने सरकार से मांगा तीन सप्ताह में जवाब

NANITAAL: हाई कोर्ट ने शिक्षा विभाग में प्रधानाचार्य पदों पर पदोन्नति प्रक्रिया पर अग्रिम आदेशों तक रोक लगा दी है। न्यायाधीश न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया की एकलपीठ ने मामले को सुनने के बाद प्रधानाचार्य के पदों पर पदोन्नति प्रक्रिया अग्रिम आदेशों तक रोक लगा दी। कोर्ट से सरकार से भी तीन सप्ताह में जवाब मांगा है।

पदोन्नति को बताया नियम के खिलाफ

शिक्षक हेमंत कुमार व अन्य ने याचिका दायर कर कहा है कि शिक्षा विभाग में प्रधानाचार्य पदों पर पदोन्नति प्रक्रिया संपादित की जा रही है। जो असंवैधानिक है। याचिकाकर्ता का कहना है कि जो शिक्षक एलटी से लेक्चरर के पद पर पूर्व में ही पदोन्नत हो चुके हैं, उन्हें नियम विरुद्ध तरीके से एलटी ग्रेड का शिक्षक मानकर प्रधानाध्यापक पद पर पदोन्नति के लिए उपयुक्त माना जा रहा है। जो पूरी तरह नियम के खिलाफ है।

एलटी ग्रेड के भ्भ् प्रतिशत कोटे का दिया जा रहा लाभ

याचिकाकर्ता के अनुसार जो पूर्व में लेक्चरर पद पर पदोन्नति पा चुके हैं उन्हें एलटी ग्रेड के भ्भ् प्रतिशत कोटे का लाभ भी दिया जा रहा है। जबकि पात्र होने के बाद भी उन्हें भ्भ् प्रतिशत कोटे में नहीं रखा गया। याचिका में ऐसे शिक्षकों को जूनियर बताते हुए उनके प्रत्यावेदन को स्वीकार न करने का आग्रह किया गया है। न्यायाधीश न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया की एकलपीठ ने मामले को सुनने के बाद प्रधानाचार्य के पदों पर पदोन्नति प्रक्रिया अग्रिम आदेशों तक रोक लगा दी है।