ALLAHABAD: इलाहाबाद हाई कोर्ट ने नगर पंचायत झूंसी इलाहाबाद के चेयरमैन रामलखन यादव के खिलाफ उषा रानी की चुनाव याचिका रद कर दी है। कोर्ट ने कहा है कि चुनाव याचिका बिना ठोस आधार के दाखिल की गयी है। यह आदेश न्यायमूर्ति सुनीत कुमार ने नगर पंचायत झूंसी के अध्यक्ष रामलखन यादव की याचिका को स्वीकार करते हुए दिया है। याचिका पर अधिवक्ता एनके पांडेय व सुधा पांडेय ने बहस की। मालूम हो कि उषा रानी ने पंचायत अध्यक्ष के चुनाव की वैधता को चुनाव याचिका में यह कहते हुए चुनौती दी कि मतदाता सूची की तैयारी में अनियमितता बरती गयी है तथा वैध मतों को निरस्त कर दिया गया है इसलिए 7 जुलाई 2012 को घोषित चुनाव परिणाम रद किया जाय। याची चेयरमैन ने चुनाव याचिका की पोषणीयता पर आपत्ति की कि याचिका बिना ठोस तथ्य के दाखिल की गयी है। अपर जनपद न्यायाधीश ने भी याची की अर्जी खारिज कर दी थी जिसे याचिका में चुनौती दी गई थी। याची 61 वोटों से विजयी हुआ है।

चर्च पर अवैध कब्जे को चुनौती

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने यमुना क्रिश्चियन कंपाउंड कटघर में स्थित चर्च भूमि पर अवैध कब्जे के खिलाफ याचिका पर सरकारी वकील से जानकारी मांगी है। याचिका में काशी नरेश अनन्त नारायण सिंह को भी पक्षकार बनाया गया है। याचिका में कहा गया है कि विपक्षी रुद्र नारायण पाठक काशी नरेश की पावर ऑफ अटार्नी के आधार पर भूमि बेचने पर आमादा हैं जबकि चर्च लखनऊ डायोसिस ट्रस्ट एसोसिएशन का है। एसोसिएशन के सचिव अरुण पॉल ने याचिका दाखिल की है जिस पर न्यायमूर्ति दिलीप गुप्ता व न्यायमूर्ति मुख्तार अहमद की खंडपीठ ने सुनवाई की।