ALLAHABAD: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने निर्णय दिया है कि किसी भी थाने के थानाध्यक्ष अथवा पुलिस इंस्पेक्टर का तबादला पुलिस स्थापना बोर्ड की पूर्व अनुमति लिए बगैर करना गलत है। कोर्ट ने इस व्यवस्था के साथ एक पुलिस इन्सपेक्टर के तबादले को रद कर दिया। यह आदेश न्यायमूर्ति बी अमित स्थालेकर ने थाना बेवर जिला-हमीरपुर में तैनात पुलिस इन्सपेक्टर विष्णु कुमार मिश्र की याचिका पर दिया है। याची इन्सपेक्टर का तबादला थाना बेवर से अपराध शाखा, माफिया सेल हमीरपुर कर दिया गया था। याची का तबादला एसपी हमीरपुर ने 6 नवंबर 15 को कर दिया था। एसपी के इस तबादला आदेश को चुनौती दी गयी थी। याची के अधिवक्ता विजय गौतम का कहना था कि थाने पर तैनात किसी भी थानाध्यक्ष अथवा इन्सपेक्टर का तबादला दो वर्ष के बाद ही किया जा सकता है। कहा गया था कि सुप्रीम कोर्ट ने प्रकाश सिंह की केस में इस प्रकार की विधि व्यवस्था भी दी है। यही नहीं 2 दिसम्बर 2010 को प्रदेश सरकार ने एक शासनादेश भी जारी कर रखा है जिसमें कहा गया है बिना स्थापना बोर्ड की पूर्वानुमति के थाने के थानाध्यक्ष अथवा इन्सपेक्टर का तबादला उसकी तैनाती के दो वर्ष के अंदर नहीं किया जाना चाहिए। दो वर्ष के भीतर भी तबादला किया जा सकता है परन्तु इसके लिए कारण स्पष्ट करना होगा। याची का तबादला तैनाती के तीन माह बाद ही कर दिया गया था। विजय गौतम का कहना था कि याची के मामले में एसपी ने स्थापना बोर्ड की अनुमति नहीं ली और कारणों का भी उल्लेख नहीं किया।