RANCHI : खूंटी स्थित सहयोग विलेज से सिंगल पैरेंटस के बच्चे की अदला-बदली वाले मामले में मंगलवार को हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। जस्टिस एचसी मिश्रा और जस्टिर रत्नाकर भेंगरा की बेंच ने सुनवाई केदौरान कहा कि जब बच्चा करूणा आश्रम में था तो किस आधार पर बच्चा छीनने संबंधी प्राथमिकी दर्ज की गई। इस दौरान बचाव की ओर से कहा गया कि इस मामले को सीडब्ल्यूसी के चेयरपर्सन से प्राथमिकी वापस लेने की बात कहेंगे। अदालत ने इस मामले में रांची सीडब्ल्यूसी चेयरपर्सन को 28 नवंबर को अदालत में सशरीर अदालत में उपस्थित होने के लिए कहा है।

प्राथमिकी पर उठाए सवाल

पिछली सुनवाई में अदालत ने कहा कि कैसे दूसरे के बच्चे मंगरा नाग को बुधू कांडिर को सौंप दिया गया। करूणा एनएमओ के दीपक सहाय के द्वारा कोतवाली थाने में दर्ज मेरी तिर्की, जेवीएम की महिला केंद्रीय प्रवक्ता सुनीता सिंह और बुधू कांडिर पर जबरन बच्चा छीनने का आरोप लगाते हुए प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी।

छह सितंबर को दायर हुई थी याचिका

गौरतलब है कि छह सितंबर को हाईकोर्ट में बुधू कांडिर ने हैबियस कॉपस फाइल किया था। इसमें कहा गया है कि जबरन उन्हें सागर कांडिर की जगह मंगरा नाग के बच्चे को सौंप दिया है। बताया जाता है कि अदालत में प्रार्थी की ओर इंटर लोकेलिटी अप्लिकेशन दायर किया गया है।