-हाईकोर्ट ने केंद्र को दिया 12 अप्रैल तक का वक्त

- दूसरे दिन साढ़े पांच घंटे चली जिरह, अगली सुनवाई 18 को

नैनीताल:

उत्तराखंड के सियासी रण का नतीजा अभी तक नहीं निकल पाया है। कोर्ट से इसके लिए एक और तारीख मिल गई है। दोनों पक्षों को 12 अप्रैल तक सभी याचिकाओं से संबंधित शपथ पत्र, प्रति शपथ पत्र और अन्य दस्तावेज जमा कराने के साथ ही इनके आदान-प्रदान की प्रक्रिया पूरी करने को कहा गया है। अब मामले की सुनवाई 18 अप्रैल को होगी।

पहले कांग्रेस को मिले न्योता

हाईकोर्ट ने स्पीकर के जवाब पर केंद्र सरकार को काउंटर जमा करने के लिए 12 अप्रैल तक का समय दिया है। गुरुवार को मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कोर्ट में एक और अर्जी लगाते हुए राज्य में राष्ट्रपति शासन हटाए जाने की सूरत में सबसे बड़ा दल होने के नाते कांग्रेस को सरकार बनाने के लिए बुलाए जाने की मांग भी रखी। इसके जवाब में अटार्नी जनरल मुकुल रोहतगी से साफ किया है कि यदि केंद्र राष्ट्रपति शासन हटाने के संबंध में कोई फैसला करेगा तो इससे पहले कोर्ट को सूचना देगा। केंद्र की ओर से अटार्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने स्पीकर की ओर से दायर जवाब के अध्ययन व उसके बाद काउंटर दाखिल करने के लिए दो सप्ताह का समय मांगा तो नितर्वमान सीएम के अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि केंद्र सरकार जानबूझकर मामले को लंबा खींचना चाहती है।

कांग्रेस को है डर

हाई कोर्ट के समक्ष सिंघवी ने उन मीडिया रिपो‌र्ट्स का हवाला दिया, जिसमें भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट द्वारा सरकार बनाने का दावा किया गया था। उन्होंने कोर्ट से यह आदेश पारित करने की मांग की, कि यदि केंद्र राष्ट्रपति शासन हटाता है तो राज्यपाल सबसे पहले निवर्तमान मुख्यमंत्री हरीश रावत को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित करे।