प्रमुख सचिव गृह व डीजीपी से हलफनामा तलब

ALLAHABAD: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मेरठ में शोहदों व ड्रग माफियाओं द्वारा स्कूली बच्चों के साथ छेड़छाड़ व शोषण पर पुलिस निष्क्रियता के खिलाफ दाखिल याचिका पर प्रमुख सचिव गृह एवं पुलिस महानिदेशक उप्र से व्यक्तिगत हलफनामा मांगा है। कोर्ट ने सरकार से पूछा है कि आये दिन शहर में हो रही घटनाओं पर पुलिस अंकुश क्यों नहीं लगा पा रही है। याचिका की अगली सुनवाई 12 जनवरी को होगी।

यह आदेश न्यायमूर्ति विक्रमनाथ की अध्यक्षता वाली खण्डपीठ ने एक अधिकारी श्रीकांत गोयल की याचिका पर दिया है। याचिका पर अधिवक्ता बीकेएस रघुवंशी ने बहस की। उनका कहना था कि एक स्कूली नाबालिग छात्रा के साथ शोहदों ने सामूहिक बलात्कार किया जिसकी मेडिकल थाने में 18 नवम्बर 15 को प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है। अपर जिला जज मेरठ के समक्ष पीडि़ता का धारा 164 में बयान भी दर्ज हो चुका है। लड़की ने पांच दरिंदों के नामों का खुलासा भी किया है। शशांक प्रधान, सिद्धार्थ गुज्जर, आरिब, शाकिब, शुभम का नाम प्राथमिकी में होने के बावजूद पुलिस इनकी राजनीतिक पहुंच के चलते कोई कार्यवाही नहीं कर रही है। याची का कहना है कि ड्रग माफिया पूल पार्टी व रेव पार्टी के नाम पर ड्रग का इस्तेमाल कर लड़कियों का शोषण कर रहे हैं। इन घटनाओं का संगठनों द्वारा विरोध भी हो रहा है। मामला संसद में भी उठा किन्तु पुलिस मंत्री के नजदीकी की संिलप्तता के कारण कोई कार्यवाही नहीं कर ही है। कोर्ट ने ड्रग माफियाओं पर अंकुश लगा पाने में विफल रहने की पुलिस कार्यवाही पर कड़ी नाराजगी व्यक्त की तथा गंभीर रूख अपनाते हुए दोनों शीर्ष अधिकारियों से कार्यवाही ब्योरे के साथ व्यक्तिगत हलफनामा मांगा है।