-झारखंड हाइकोर्ट ने एमसीआई के डिस्अप्रूवल पर लगा दी रोक

-अब 350 सीटों पर ही होगा एडमिशन

-अनशन और धरना पर बैठे स्टूडेंट्स ने मनाया जश्न, काटा केक

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RANCHI (29 Aug): पिछले नौ दिनों से अनशन और धरने पर बैठे मेडिकल इंट्रेंस क्वालिफाइड स्टूडेंट्स के चेहरे पर तब रौनक आ गई, जब उन्हें पता चला कि हाइकोर्ट के डिसीजन के कारण उनकी सीटें वापस आ गई हैं। राजभवन के सामने बैठे स्टूडेंट्स ने इस जीत को लेकर जश्न मनाया और एक दूसरे को गले लगाया और मिठाइयां बांटी। हाइकोर्ट में शुक्रवार को हुई सुनवाई के बाद यह डिसीजन शाम को हुआ।

झारखंड हाइकोर्ट ने लगाई रोक

एमसीआई की ओर से झारखंड में क्म्0 सीटों की कटौती पर शुक्रवार को झारखंड हाइकोर्ट ने रोक लगा दी है। कार्यवाहक मुख्य न्यायधीश डीएन पटेल और न्यायमूर्ति पीपी भट्ट की खंडपीठ ने सुनवाई करते हुए इसपर रोक लगा दी है। अब इसके बाद फ्भ्0 सीटों पर ही एडमिशन होगा, जिसमें रिम्स में क्भ्0 सीटें, एमजीएम में क्00 और पीएमसीएच में भी क्00 सीटें श्ामिल हैं।

बांटी मिठाइयां

स्टूडेंट्स के साथ ही एक स्टूडेंट अनुप्रिया जो अनशन के दौरान दो बार रिम्स में आइसीयू में भर्ती हुई थी, उनको खबर मिली की हाईकोर्ट ने एमसीआई के डिसीजन पर रोक लगा दी है उनके चेहरे पर रौनक आ गई। इसके अलावा उनके साथ बैठे छह स्टूडेंट्स की जान में जान आ गई। वहीं धरना पर बैठे बाकी स्टूडेंट्स भी मस्ती में एक दूसरे को गले लगाकर बधाई दी। इसके अलावा हाइकोर्ट और समर्थन करने वालों को थैंक्स भी कहा। सबके गार्जियन भी धरने के स्थल पर पहुंच गए और बच्चों को गले लगाकर बधाई दी।

नौ अगस्त से जारी थी स्टूडेंट्स की मुहिम

सेकेंड काउंसिलिंग के बाद जब स्टूडेंट्स को सीटें अलॉट करने के बाद जब वे एडमिशन लेने गये तो उन्हें कहा गया कि एमसीआई ने सीटें घटा दी हैं, इसलिए आपका एडमिशन नहीं हो सकता। इसके बाद 9 अगस्त को सभी स्टूडेंट सीएम से मिलने पहुंचे। वहां उनकी सुनवाई नहीं हुई और चीफ सेक्रेटरी से केवल आश्वासन मिला। इसके बाद कई दिन तक स्टूडेंट्स इधर-उधर भटकते रहे, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। तंग आकर ख्0 अगस्त से लगभग ब्0 स्टूडेंट्स राजभवन के सामने अनशन और धरने पर बैठ गए। काउंसिल ने ख्7 अगस्त को रिकाउंसिंलिंग की तारीख जारी कर दी, जिसके बाद मामला हाइकोर्ट मे पहुंचा और इसपर रोक लगा दी गई। फिर फ्0 अगस्त को क्90 सीटों पर काउंसिलिंग की तारीख तय की गई, जिसके बाद शुक्रवार को हाइकोर्ट ने एमसीआई के सीटें कैंसिल करने के डिसीजन पर रोक लगा दी।

खु श हूं कि बेटी को सीट मिल गई

धरने पर पिछले नौ दिन से बैठी प्रज्ञा की मम्मी गीता सिंह भी सीटों के वापस मिल जाने के बाद वहां पहुंची। उनका कहना है कि खुश हूं कि मेरी बेटी के साथ बाकी बच्चों को भी उनकी सीटें मिल गईं। पहले ऐसा लग रहा था कि मेरी बेटी अब मेडिकल कर ही नहीं पाएगी, लेकिन आज न्याय मिल गया। अच्छा लगा रहा है।

गीता सिंह, प्रज्ञा की मां

बेटी के संघर्ष को मिल गया परिणाम

दो बार रिम्स जा चुकी और एक बार आईसीयू में सीरियस हालत में पहुंचनेवाली अनुप्रिया के पापा कामेश्वर उपाध्याय का कहना है कि मुझे तो लगा कि बेटी की तबीयत खराब है। ये कैसे आगे अनशन करेगी। लेकिन इसने कहा कि मैं इसे जारी रखूंगी। आज इसके संघर्ष को रिजल्ट मिल गया है। अच्छा लग रहा है कि बेटी को सीट मिल गई।

कामेश्वर उपाध्याय, अनुप्रिया के पिता