उच्चतर शिक्षा सेवा चयन आयोग की फर्जी बेबसाइट बनाकर मांगे आवेदन

असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती के लिए विज्ञापन देख आयोग में मचा हड़कंप

प्रभारी अध्यक्ष ने अभ्यर्थियों को जारी किया एलर्ट, झांसे में ना आएं

ALLAHABAD: उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग की फर्जी वेबसाइट बनाकर असिस्टेंट प्रोफेसर पद के लिए विज्ञापन जारी कर दिया गया है। इसमें असिस्टेंट प्रोफेसर के 1652 पदों के लिए आवेदन की अंतिम तिथि अप्रैल 2016 निर्धारित की गई है। इससे अभ्यर्थियों में भी संशय की स्थिति बन गई है। बता दें कि उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग ने अशासकीय डिग्री कॉलेजेस में असिस्टेंट प्रोफेसर के 1652 पदों के लिए विज्ञापन संख्या 46 के तहत मार्च 2014 में चार चरणों में लिखित परीक्षा कराई थी। अभी तक इसका परिणाम नहीं जारी हो सका है। इसके बाद से भर्ती के लिए कोई नया विज्ञापन नहीं जारी किया गया है।

आयोग में खलबली

फर्जीवाड़े की सूचना आयोग के एकलौते सदस्य एवं प्रभारी अध्यक्ष डॉ। रामेन्द्र बाबू चतुर्वेदी को मिली है। उन्होंने कहा है कि कुछ शरारती तत्वों द्वारा कपट पूर्ण कार्य किया गया है। आयोग की ओर से हाल फिलहाल कोई नया भर्ती विज्ञापन नहीं जारी किया गया है। आयोग कोई भी नया विज्ञापन जारी करता है तो अखबार के माध्यम से इसकी सूचना प्रसारित करवाई जाएगी। उन्होंने अभ्यर्थियों से अपील भी की है कि ऐसे किसी भी फर्जीवाड़े के चक्कर में न पड़ें। अन्यथा उनकी व्यक्तिगत जिम्मेदारी होगी। करेंट में आयोग में अध्यक्ष एवं सदस्यों के कोरम का अभाव है। इन पदों पर भर्ती होने के बाद ही कोई नया निर्णय लिया जा सकता है।

उशिसे आयोग की ओर से जारी विज्ञापन की स्थिति

वर्ष 2014 में कुल 46 विषयों के लिए जारी हुआ था विज्ञापन

कुल 1652 पद किए गए थे शामिल

30 अप्रैल 2014 तक लिया गया था आवेदन

साठ हजार से ज्यादा ने किया था आवेदन

चार चरणों में करवाई गई थी परीक्षा

लिखित परीक्षा की अंतिम उत्तर कुंजी हो चुकी है जारी

हाईकोर्ट के आदेश पर हटाए गए थे अध्यक्ष एवं सदस्य

इसके बाद से आयोग में है कोरम का अभाव

लिखित परीक्षा का नहीं जारी हो सका है परिणाम

परिणाम आने के बाद होना है इंटरव्यू

इससे पहले आयोग में अध्यक्ष एवं सदस्यों की नियुक्ति होना है जरूरी

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बाक्स में लगावें

सीजीएल में लिखित परीक्षा के आधार पर चयन की तैयारी

परीक्षाओं में नकल के मामलों को देखते हुए कर्मचारी चयन आयोग ने इस पर नकेल कसने की तैयारी कर ली है। इसके तहत आयोग अपनी सबसे महत्वपूर्ण परीक्षा सीजीएल (संयुक्त स्नातक स्तरीय) परीक्षा की प्रक्रिया में फेरबदल करने पर विचार कर रहा है। हालांकि अभी इस पर अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है लेकिन सूत्रों का कहना है कि 2016 की परीक्षा में इसे लागू किया जा सकता है। उल्लेखनीय है कि आयोग इससे पहले भी नकल रोकने के तमाम प्रयास कर चुका है लेकिन उसे अपेक्षित सफलता नहीं हासिल हो सकी है। इलेक्ट्रानिक डिवाइस के मामले सामने आते रहे हैं। इस बार नकल रोकने के लिए तकनीकी पर अधिक जोर हो सकता है। इसमें सीजेएल दूसरे टियर की परीक्षा आनलाइन भी कराई जा सकती है। यदि आयोग ऐसा फैसला करता है तो उसे अपने कैलेंडर में बदलाव करना होगा, क्योंकि अधिकांश परीक्षाओं की तिथियां पहले से घोषित हैं। जहां तक सीजेएल का प्रश्न है तो इसमें अकेले मध्य क्षेत्र में ही साढ़े सात लाख से अधिक अभ्यर्थी हैं। पूरे देश में अभ्यर्थियों की संख्या 35 लाख का आंकड़ा पार करेगी। यदि सीजेएल के पहला चरण क्वालीफाइंग किया जाता है तो उसके अंकों को चयन में शामिल नहीं किया जाएगा।