आगरा। जी हां, चौंकिए मत, शहर में करीब 20 हजार फ्लैट्स हैं, जिनमें रहने वालों की संख्या करीब एक लाख है। इनमें से केवल 10 प्रतिशत ही लोग सुरक्षित है। यानि 90 हजार लोगों की जिंदगी पर खतरा बना हुआ है। अगर रिक्टर स्केल पर सात का भूकंप आता है तो शहर के अधिकांश फ्लैट्स काल के गाल में समा सकते हैं। ये हम नहीं कर रहे हैं, ये कहना है शहर के जाने माने आर्कीटैक्ट व यूपी आर्कीटैक्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष अनुराग खंडेलवाल का।

भूकंपरोधी की जुटा रहे जानकारी

हाल में दो दिन आए भूकंप के झटकों ने लोगों को जागरूक कर दिया है। जिन फ्लैट्स में लोग रह रहे हैं, वे अपनी सुरक्षा को लेकर काफी गंभीर हो गए हैं। वे जिस बिल्डिंग में रह रहे हैं, वे उसकी भूकंपरोधी क्षमता के बारे में जानकारी जुटा रहे हैं।

वर्ष 2001 के बाद याद आई

गुजरात के भुज में वर्ष 2001 में भूकंप आया था। इसके बाद नेशनल बिल्डिंग कोड में बदलाव किया गया था। चाहे बिल्डर हों या फिर निजी तौर पर मकान बनाने वाले लोग हों, सभी ने बिल्डिंग को भूकंपरोधी बनाए जाने का निर्णय लिया था। इससे पहले लोग भूकंपरोधी बिल्डिंग निर्माण के बारे में नहीं सोचते थे।

केवल विश्वास ही है आधार

आगरा आर्कीटैक्ट एसोसिएशन की अध्यक्ष संगीता अग्रवाल ने बताया कि बिल्डिंग भूकंपरोधी है अथवा नहीं, इसका प्रमाण इंस्ट्रक्टर से बिल्डर लेते हैं। उसी पर विश्वास किया जाता है, उस प्रमाण पत्र की सच्चाई कितनी है, यह कह पाना किसी के लिए संभव नहीं है। इसका प्रमाण केवल विश्वास और बिल्डर की साख ही है।

केवल रुड़की में है लैब

उन्होंने बताया कि रुड़की में सरकारी संस्था सीबीआरई है, जो कि बिल्डिंगों के भूकंपरोधी होने का प्रमाण देती है। आगरा में इस प्रकार की कोई लै?ा नहीं है जोकि यह प्रमाणित कर सके कि बिल्डिंग भूकंपरोधी है।

खर्चा बचाने की कवायद

भूकंपरोधी बिल्डिंग तैयार करने में अतिरिक्त खर्चा आता है, जिसके कारण कई बिल्डर लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ करने में कोई संकोच नहीं करते हैं। बिल्डर विक्रम केशवानी कहते हैं कि दस हजार स्क्वेयर फीट जमीन पर दस फ्लोर की भूकंपरोधी बिल्डिंग बनाने पर करीब 30 लाख का अतिरिक्त खर्चा आता है। उन्होंने यह भी बताया कि यमुना किनारे बहुमंजिला इमारत किसी भी स्थिति में सुरक्षित नहीं है। उन्होंने तर्क देते हुए कहा कि आगरा में दस फीट गहराई तक मिट्टी गीली होती है, इसलिए बहुमंजिला इमारत सुरक्षित नहीं हो सकती है। उन्होंने कहा कि इसके लिए कोई अनुमति नहीं देगा, लेकिन बिल्डर ले देकर नक्शा पास करा लाते हैं। जो कि जिंदगियों के लिए सुरक्षित नहीं है।