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PRAYAGRAJ: हिमालय की गोद में दुनिया की सबसे दुर्लभ और महंगी औषधि है। वहीं दुनिया का सबसे विशाल वृक्ष भी हमारे देश में ही है। देश-विदेश की विविध वनस्पतियों की खासियत और खूबियों को समेते पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की प्रदर्शनी में केन्द्र सरकार ने ग्रीन वुड डीड्स की थीम पर प्रदर्शनी का आयोजन किया। प्रदर्शनी में एक से एक रोचक और आश्चर्यजनक प्राकृतिक धरोहर का प्रदर्शन किया गया।

- एक करोड़ रुपए प्रति किलो है कीमत

- 0.5 ग्राम वजन

16 हजार फीट ऊंचाई पर मिलता है
हिमालय की 16 हजार फीट की ऊंचाई पर मौजूद विशेष और आकर्षक कीड़ा जड़ी के नाम से चर्चित यह वनस्पति हिमालयन वियाग्रा के नाम से मशहूर है। लार्वा और फंगस से बना यह बोटैनिकल प्रॉडक्ट रेयर ऑफ द रेयरेस्ट है और पहाड़ों पर घास बीच में उगता है। एक आरसागुंबा का वजन करीब .5 ग्राम होता है। 1 किग्रा आरसागुंबा को जुटाने के लिए करीब 2 हजार आरसागुंबा को इकट्ठा करना होता है। आचार्य जगदीश चंद्र बोस भारतीय वनस्पति उद्यान (हावड़ा बॉटनीकल पार्क) के वैज्ञानिक डॉ। शिवकुमार ने बताया कि यह औषधि शक्तिवर्धक और दुर्लभ है। इसलिए इसकी तस्करी की कोशिशें भी लगातार होती रहती हैं। भारत के अलावा भूटान, नेपाल और चाइना में इस औषधि की बड़ी डिमांड है। खोजबीन में यह भी मालूम चला कि जिस लार्वा पर फंगल इन्फेक्शन के बाद आरसागुंबा बनता है उसकी 57 प्रजातियां हिमालय में मौजूद हैं। फंगस जाड़े में लार्वा पर इन्फेक्शन की साइकिल को पूरा करता है और यह गर्मी के दिनों में ऊंची पहाडि़यों पर घास आदि के बीच नजर आता है।

सबसे बड़ा वृक्ष भी भारत में

- 341 साल पुराना

- 1.08 किमी गोलाई

कम ही लोगों को पता होगा कि दुनिया का सबसे बड़ा वृक्ष भारत में ही है। केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने यह दावा करते हुए कहा कि हावड़ा बोटैनिकल पार्क में स्थित वट वृक्ष विश्व का सबसे बड़ा वृक्ष है। आश्चर्यजनक यह है कि इस वृक्ष की मूल जड़ नहीं है बल्कि इसका विस्तार तनों से निकली जड़ों से हुआ है। आम बोलचाल में पार्किंग ट्री के नाम से भी जाना जाता है। इसके अलावा हावड़ा बौटैनिकल पार्क में सबसे बड़े जलीय पौधा भी मौजूद है, जिसका नाम विक्टोरिया अमजोनिका है। 3.7 मीटर गोलाई के इस पौधे की खोज सर्वप्रथम 1841 में अमेजन नदी में हुई थी।

विश्व का सबसे बड़ा बीज

- 30 किग्रा है वजन

- 112 साल पहले रोपा गया था।

डॉ। शिवकुमार ने बताया कि विश्व का सबसे बड़ा बीज जिसका वजन लगभग 30 किग्रा है, यह भी प्रदर्शनी में मौजूद है। कोकोनट की एक प्रजाति का यह पेड़ अफ्रीका के नजदीक सिसिल आईलैंड पर पाया जाता है। आईलैंड में करीब 7 हजार पेड़ है जिनके संरक्षण के लिए वैश्रि्वक स्तर पर प्रयास चल रहे हैं। हावड़ा वॉटनीकल पार्क में यह पौधा 112 साल पहले 1894 में रोपा गया था, पेड़ इतना विशाल है कि इसके पत्ते की चौड़ाई 14 मीटर है जबकि लंबाई 7 मीटर है। कड़े प्रयासों के बाद भारत में इस वृक्ष के सिर्फ 2 बीज की अब तक बनाए जा सके हैं, जो आने वाली 10 सालों में परिपक्व हो जाएंगे।