क्त्रन्हृष्ट॥ढ्ढ:मुरी स्थित ¨हडाल्को के रेडमड पौंड धंसने के बाद उसका मलवा हटाने के काम में तेजी आ गई है. मलवा हटाने का काम तीन शिफ्ट में चल रहा है. 50 से अधिक हाइवा को लगाया गया है. रोज 500 से अधिक ट्रिप मलवा हटाने का लक्ष्य है. वहीं, हादसे के बाद से हिंडाल्को मुख्य गेट पर सन्नाटा पसरा है. सरकार की ओर से कंपनी को क्लोज करने के आदेश के बाद उत्पादन ठप है. पावर प्लांट स्वतंत्र संयंत्र के संचालन को छोड़कर किसी भी तरह के उत्पादन का काम नहीं हो रहा है पर कार्यालय में अधिकारी एवं कारखाने में सामान्य दिनों की तरह मजदूर आ जा रहे हैं. हादसे के बाद लिए गए पानी के सैंपल की जांच रिपोर्ट 16 या 17 अप्रैल तक आने की संभावना है. गौरतलब हो कि सिल्ली-मुरी हिंडाल्को हादसा के बाद मारदु, कोकोराना, लगाम की सात जगहों से पानी के सैंपल को एकत्रित कर जांच के लिए भेजा गया है. स्टेट लेबोरेटरी द्वारा इसकी जांच की जा रही है. हिंडाल्को का उत्पादन ठप कर दिया गया है.

प्रभावित लोगों का सर्वे शुरू

रेडमड पौंड हादसे के बाद गांवों के प्रभावित लोगों की सूची तैयार की जा रही है. लगाम एवं लाइनपार टोला का सर्वे ग्रामीणों द्वारा किया जा रहा है. इसमें लगभग 33 रैयतों की सूची तैयार की गई है. ग्रामीण शीघ्र ही सर्वे रिपोर्ट हिंडाल्को प्रबंधन को सौपेंगे. ज्ञात हो कि पिछले दिनों रेडमड हादसे के बाद ¨हडाल्को प्रबंधन एवं ग्रामीणों की बैठक में प्रभावित लोगों का सर्वे करने का निर्णय लिया गया था.

प्रबंधन कर रहा पानी सप्लाई

रेड मड हादसे के बाद प्रभावित लगाम लाइनपार टोला में प्रबंधन द्वारा पीने के पानी की व्यवस्था की गई है. प्रतिदिन पानी पहुंचाया जा रहा है. साथ ही नहाने के लिए टैंकर की भी व्यवस्था की गई है. ग्रामीणों ने आरोप लगाते हुए कहा है कि समय पर पानी नहीं मिलने के कारण लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

बिजली की वैकल्पिक व्यवस्था

रेडमड हादसे से प्रभावित गांवों मारदु, लगाम, लाइनपार टोला में बिजली व्यवस्था पुन: बहाल करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई. इसके लिए क्षतिग्रस्त खंभे की जगह नए खंभों को मंगा लिया गया है. जल्द ही खंभे लगाने का कार्य शुरू होगा. ज्ञात हो कि हादसे के बाद मारदु एवं लाइनपार टोला में बिजली आपूर्ति ठप है. प्रबंधन द्वारा वैकल्पिक व्यवस्था की गई है.