कर्ज और घाटे की वजह से बंद हुआ प्रोडक्शन

कंपनी के अनुसार कोलकाता के पास स्थित उत्तरपारा की फैक्ट्री में कामकाज सही ढंग से नहीं हो पा रहा था. एंबैसेडर कारों की डिमांड में भी कमी आ गई थी, प्रोडक्शन काफी घट गया था, फैक्ट्री वर्करों में डिसिप्लिन नहीं रह गया था और कंपनी पर डेब्ट हो गया था. इसलिए इस फैक्ट्री को बंद करना कंपनी की मजबूरी थी. कंपनी से यह सूचना बंबई स्टॉक एक्सचेंज को दी. शनिवार की सुबह छह बजे से ही प्रोडक्शन बंद कर दिया गया.

अगली इन्फोर्मेशन तक नहीं होगा प्रोडक्शन

इस बारे में अगली सूचना मिलने तक प्रोडक्शन बंद ही रहेगा. इस बीच कंपनी रिकंस्ट्रकशन और एक नया  माहौल बनाने की कोशिश करेगी ताकि फैक्ट्री के कामकाज को फिर से पटरी पर लाया जा सके.

अपर सर्किट के करीब पहुंचा था कंपनी का स्टॉक

कारोबार के आखिरी दिन शुक्रवार को हिंदुस्तान मोटर्स के शेयरों में बीएसई में 19.93 फीसदी की बढ़त रही और शेयर 13.39 रुपये की अपर सर्किट लिमिट तक पहुंच गए थे.

कभी स्टेटस और पॉवर का सिंबल थी एंबैसेडर

कर्व शेप की एंबैसेडर कभी दिल्ली की रोड पर रूल करती थी. तब सिर्फ पोलिटिशियन औऱ सीनियर गवर्नमेंट ऑफिशियल्स ही इसका इस्तेमाल करते थे. लेकिन अब ब्यूरोक्रेट्स स्कॉर्पियो और पजेरो जैसी स्पोर्ट्स यूटिलिटी वेहिकल्स को प्रीफर करते हैं. एंबैसेडर अब टैक्सी ड्राइवरों, चुनिंदा ऑफिसरों और टूरिस्टों की ही च्वाइस बन कर रह गई है. इसलिए इसकी डिमांड में लगातार कमी दर्ज की जा रही है.

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