छात्रों को छिपाकर रखे जाने का लगाया आरोप

NAINI: मारपीट और तोड़फोड़ के आरोपी अफगानी छात्रों की गिरफ्तारी को लेकर शियाट्स और पुलिस प्रशासन टकराव की मुद्रा में हैं। अभी तक आरोपी 18 अफगानी छात्रों की गिरफ्तारी में नाकाम पुलिस को शंका है कि, ये सभी विदेशी छात्र शियाट्स प्रशासन की शरण में हैं और संस्थान की सुरक्षा में राहत की सांस ले रहे हैं। वहीं शियाट्स प्रशासन का कहना है कि उनके लिए अफगानी व भारतीय सभी छात्र बराबर हैं। दोषी पाए जाने पर सभी आरोपी छात्रों को निलम्बित कर दिया गया है। उनके खिलाफ मुकदमा भी दर्ज कराया गया है। आरोपियों को गिरफ्तार करना पुलिस का काम है। जबकि पुलिस के एक अधिकारी का कहना है कि, कालेज प्रशासन की नीयत इसी से साफ हो जाती है कि, 15 भारतीय छात्रों के खिलाफ नैनी थाने में प्राथमिकी शियाट्स के प्रशासनिक अधिकारी की तरफ से दर्ज कराई गई है। जबकि अफगानियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने के लिए शियाट्स प्रशासन ने एक भारतीय छात्र को वादी बनाया है। इसी से उसकी दोयम चाल समझ में आती है। पुलिस अधिकारी का कहना है कि दरअसल अफगानी छात्रों को बचाने से शियाट्स प्रशासन की अंतर्राष्ट्रीय छवि धुमिल होने से बची रहेगी। जबकि भारतीय छात्रों के खिलाफ कार्यवाही कर संस्थान प्रबंधन अपनी सख्त छवि को बनाए रखना चाहता है।

हास्टल में तोड़फोड़ करने का मामला

जेएनयू के मामले को लेकर व्हाट्सअप में एक एसएमएस को लेकर शियाट्स परिसर में एक मार्च मंगलवार को भारतीय छात्रों को मारने और हास्टल में तोड़फोड़ करने के मामले में 18 अफगानी छात्रों के खिलाफ संस्थान के ही छात्र समीर कुमार यादव की तरफ से प्राथमिकी दर्ज कराई गई। जबकि बवाल बढ़ने पर आरोपी अफगानी छात्रों को संस्थान प्रबंधन ने उसी दिन निलम्बित कर दिया।

नैनी थाने में मुकदमा दर्ज

इसके दूसरे दिन बुधवार को 15 भारतीय छात्रों को भी चिन्हित कर शियाट्स प्रशासन ने निलम्बित कर दिया था। इसके बाद उसी शाम संस्थान के प्रशासनिक अधिकारी रमाकांत दुबे ने आरोपी भारतीय छात्रों के खिलाफ नैनी थाने में मुकदमा दर्ज कराया। बवाल के बाद भारतीय छात्रों की तरफ से डीएम को भी ज्ञापन दिया गया था। जिसके बाद पुलिस आरोपी छात्रों को तलाशने में जुटी रही।

गिरफ्तारी पर शियाट्स प्रशासन रोड़ा

इसबीच अफगानी छात्रों ने गंगोत्री नगर के एक हास्टल में घुस कर कुछ भारतीय छात्रों को पीट दिया। जिससे पुलिस की नींद टूटी और अफगानी छात्रों की जोरों पर तलाश की जाने लगी। छात्रों को पुलिस अभी तक नहीं ढूंढ सकी है। अपनी नाकामी का ठीकरा पुलिस अब कालेज प्रशासन पर फोड़ रही है कि अफगानी छात्र शियाट्स के कुछ अधिकारियों की सुरक्षा में राहत की सांस ले रहे है। पुलिस का मानना है कि अफगानी छात्रों की गिरफ्तारी पर शियाट्स प्रशासन रोड़ा बना रहा है। जिसकी वजह से उनकी गिरफ्तारी नहीं हो पा रही है।

प्रशासन उन्हें छिपाकर रखा है

वहीं अफगानी छात्रों पर लगे 7 सीएल एक्ट धारा भी विवेचना में हटाये जाने की कवायद की जा रही है। इस मामले के विवेचक दरोगा व चौकी प्रभारी एग्रीकल्चर विरेन्द्र प्रताप सिंह का कहना है कि अफगानी छात्रों की गिरफ्तारी के लिए लगातार क्षेत्र में दबिश दी जा रही है। लेकिन शियाट्स प्रशासन उन्हें छिपाकर रखा हुआ है।