ALLAHABAD: यूपी लोक सेवा आयोग से हाल ही में आए कम्बाइंड लोअर सबऑर्डिनेट-2015 के फाइनल रिजल्ट में प्रदेश में पहला स्थान हासिल करने वाली नूरजहां की बड़ी कामयाबी के पीछे उनकी मां जुबैदा बेगम का अहम रोल रहा है। दरअसल, नूरजहां के जन्म के पन्द्रह दिन के भीतर ही उनके अब्बू इमरान खान मुंबई चले गए थे। इसके बाद वे फिर कभी वापस नहीं लौटे। ऐसे में मां जुबैदा बेगम पर ही इकलौती बेटी को पालने की पूरी जिम्मेदारी आ गई।

मां चाहती हैं आईएएस बने बेटी

तेलियरगंज में शिलाखाना की रहने वाली जुबैदा ने घर का खर्चा चलाने के लिए बीड़ी बनाने का छोटा सा व्यवसाय लंबे समय तक किया। समय बीतता गया और महाशय मसुरियादीन इंटर कॉलेज तेलियरगंज से इंटरमीडिएट पास करने के बाद बिटिया इस काबिल हो गई कि वह घर के खर्च में हाथ बंटा सके। ऐसे में नूरजहां ने कोचिंग पढ़ाना शुरू कर दिया। इससे वो अपनी पढ़ाई और घर का खर्च निकालने में मां का हांथ बंटाने लगीं। जुबैदा बेगम कहती हैं कि वह शुरू से ही चाहती थीं कि उनकी बेटी अपने पैरों पर खड़ी हो। नूरजहां ने भी मां के सपने को निराश नहीं होने दिया और आखिरकार यूपी लोक सेवा आयोग से प्रदेश में पहला स्थान हासिल करके पूरे इलाहाबाद का नाम रोशन कर डाला। मां चाहती हैं कि अब बेटी आईएएस बनकर दिखाए।

कठिन समय से निकलकर हमने सफलता का यह सूरज देखा है। अभी तो यह महज शुरुआत है। अभी मेरी बिटिया बहुत सी सफलताएं हासिल करेगी।

-जुबैदा, नूरजहां की मां