- शहीदों को समर्पित होगा चौक

- पंडित मदन मोहन मालवीय, राजर्षि पुरुषोत्तम दास टंडन व पंडित जवाहर लाल नेहरू के नाम से बनेंगे गेट

ALLAHABAD: बुद्धिजीवियों, विद्वानों, समाज सेवियों और देश के अमर सपूतों को पैदा करने वाला चौक एरिया अमर शहीदों को समर्पित होगा। जिस नीम के पेड़ पर अमर बलिदानियों को फांसी दी गई, वो नीम का पेड़ जल्द ही शहीद स्थल के रूप में नजर आएगा। जो नजर पड़ते ही उन शहीदों की याद दिलाएगा जिन्होंने देश की आजादी के लिए अपना बलिदान दिया। समाज सेवियों, संगठनों और लोगों की मांग पर नगर निगम की मेयर अभिलाषा गुप्ता नंदी ने चौक एरिया को अमर बलिदानियों, शहीदों और देश के महापुरुषों के नाम समर्पित करने का निर्णय लिया है।

निरीक्षण कर देखी हकीकत

मेयर अभिलाषा गुप्ता सोमवार को दोपहर में नगर आयुक्त देवेंद्र पांडेय के साथ चौक एरिया में पहुंचीं। उन्होंने नगर आयुक्त को वह नीम का पेड़ दिखाया, जहां पर आजादी की लड़ाई में शामिल देश भक्तों को फांसी दी गई थी। मेयर व नगर आयुक्त ने नीम के पेड़ को शहीद स्थल के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया और उसे सुरक्षित व संरक्षित करने के लिए व्यापारियों से बातचीत की।

कुछ ने किया विरोध तो कुछ ने दी सहमति

चौक एरिया में जिस स्थान पर ऐतिहासिक नीम का पेड़ है। वहीं पर कई पुरानी दुकानें हैं। जो शहीद स्थल को डेवलप करने का विरोध कर रहे हैं। क्योंकि इससे उनका दुकान टूटने का खतरा है। जिस पर कुछ दुकानदारों ने शहीद स्थल को डेवलप करने का विरोध किया तो वहीं कुछ ने कहा, हम जगह छोड़ देंगे। मेयर ने कहा कि नीम के पेड़ के नीचे से लोकनाथ चौराहा के पास ट्रांसफार्मर तक शहीद स्थल बनाया जाएगा।

विशिष्ट लोगों की दिलाएंगे याद

भारत रत्न राजर्षि पुरुषोत्तम दास टंडन, पंडित मदन मोहन मालवीय, पंडित जवाहर लाल नेहरू भी चौक एरिया में ही जन्मे हैं। इसके अलावा कई अन्य विशिष्ट लोग जिन्होंने अपना जीवन देश के नाम समर्पित किया वे भी चौक एरिया में रहते थे। ऐसे लोगों को भी चौक में स्थान दिया जाएगा। राजर्षि पुरुषोत्तम दास टंडन, मदन मोहन मालवीय, लियाकत अली जी, छुन्नन गुरु, पंडित जवाहर लाल नेहरू के नाम से जगह-जगह गेट बनाए जाएंगे, जो विशिष्ट लोगों की याद दिलाएंगे। कुल मिलाकर सिटी के ऐतिहासिक एरिया चौक को दर्शनीय स्थल के रूप में डेवलप किया जाएगा। जो अमर बलिदानियों व शहीदों की याद दिलाएगा। इसके लिए जो भी खर्च आएगा, वो नगर निगम वहन करेगा। सरकार से भी मदद की मांग की जा सकती है।