वो क्यों सामने आने से बचता रहा?
बिस्कुट कारोबारी पीयूष श्याम दसानी की पत्नी ज्योति के मर्डर के दूसरे रिश्तेदार और दोस्तों का जमावड़ा घर पर लग गया, लेकिन पीयूष किसी के सामने नहीं आया. वो घर के अन्दर बैठा रहा, जबकि उसके पिता और भाई ने ही लोगों से बात की. करीब तीन घंटे इन्तजार करने के बाद मीडिया वालों ने पीयूष को सामने लाने के लिए परिजनों के कहा, तो उन्होंने उसकी मानसिक स्थिति ठीक न होने के हवाला देकर मना कर दिया. जिसके बाद भी मीडिया कर्मी वहां पर डटे रहे, तो करीब दो घंटे बाद चार बजे पीयूष सामने आया और वो सिर्फ इतना कहकर चला गया कि मै पत्नी के साथ रेस्टोरेंट से निकला था और बाइक सवार बदमाश उसकी पत्नी को अगवा कर चले गए. इसके बाद वो रोने लगा और वापस घर के अन्दर चला गया.

क्या है पीयूष का बयान
पोस्टमार्टम हाउस में पीयूष पहुंचा, तो उसने बताया कि वो करीब 11.30 बजे रेस्टोरेंट से निकला था. तभी ज्योति ने उससे लांग ड्राइवर पर चलने की जिद की, तो उसने मना कर दिया. पत्नी के दोबारा जिद करने पर वो उसको कम्पनी बाग चौराहे से रावतपुर रोड की ओर ले गया. उसके मुताबिक ज्योति को सर्दी और जुकाम था, इसलिए उसने कार का एसी बन्द कर विंडो खोल दी थी. तभी चार बाइक से आठ युवकों ने उनकी कार के बगल में बाइक लगा दी. जिसमें एक बाइक सवार ने ज्योति के बाल पकड़ लिए. जिसे देख उसने गाड़ी रोकी, तो बाइक सवार युवकों ने कार को घेर लिया और उसको पीटते हुए कार से फेंक दिया. जिसके बाद तीन युवक कार में बैठकर ज्योति को जबरन अपने साथ ले गए. उन लोगों ने करीब 100 मीटर आगे कार रोक दी. जिसे देख वो कार की दौड़ा, तो वे ज्योति को अगवा कर भाग गए. जिसके बाद उसने वहां से गुजरने वालों बाइक सवारों से मदद मांगी, लेकिन किसी ने उसकी मदद नहीं की. जिसके बाद उसको एक बाइक सवार लिफ्ट देकर रावतपुर छोड़ दिया. जहां से वो थाने गया. इस दौरान उसने पिता और भाई को फोन करके सूचना दी, तो वे सेंट्रल से वापस लौट आए. वे काम से दिल्ली जाने वाले थे.

वो कह रहे थे कि मार दो .. को
पीयूष के मुताबिक बाइक सवार ज्योति को कार समेत अगवा करके ले गए, तो उसने ज्योति के मोबाइल पर कॉल की. दो से तीन बार कॉल करने पर सामने से किसी ने फोन रिसीव किया. उसने सुना कि ज्योति बचाओ-बचाओ चिल्ला रही थी, जबकि बदमाश गाली देते हुए उसे मारने की बात कह रहे थे. जिसके बाद किसी ने फोन काट दिया और दोबारा कॉल रिसीव नहीं की.

ज्योति के परिजनों ने कुछ बोलने से किया इन्कार
पीयूष के परिजनों ने ज्योति के मर्डर की सूचना उसके पिता को दी. वो पत्नी और बेटे समेत शाम को 6.05 बजे ज्योति की ससुराल पहुंचे. जहां पर वे बेटी का शव देखकर दहाड़े मारकर रोने लगे. मीडिया कर्मियों ने उनसे बात करने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने कुछ भी बोलने से मना कर दिया. ज्योति की मां कंचन तो बदहवास हो गई थी. वो बेटी का शव देखकर बेहोश हो गई.

पूरा पुलिसिया अमला जांच में जुटा
सिटी के नामी कारोबारी की बहू की सनसनी हत्या से पूरा पुलिसिया अमला हिल गया. रात को घटना की सूचना मिलते ही आईजी, डीआईजी और एसएसपी सभी कार तलाशने में जुट गए. शव मिलने के बाद जांच के लिए आईजी खुद रेस्टोरेंट पहुंचे और सारी सीसीटीवी फुटेज खंगाली. इसी दौरान पीयूष के टीशर्ट बदलने की बात भी पता चली.

बंगले पर लगा तांता
वारदात के बाद से ही पीयूष के काकादेव स्थित बंगले पर लोगों का तांता लगा रहा. वहां पहुंचने वालों में शिवकुमार बेरिया, सुखराम सिंह यादव, सतीश महाना समेत कई राजनीतिक और औद्योगिक हस्तियां थीं.

'घटना के खुलासे के लिए कई टीमें लगाई गई हैं. मैं खुद मामले की जांच कर रहा हूं. जांच में यह साफ है कि ज्योति की हत्या बेहद आक्रोश में की गई है. जिसमें उसके करीबी लोग भी शामिल हो सकते हैं. अन्तेष्टि के बाद परिवार वालों से भी पूछताछ की जाएगी.'
-आशुतोष कुमार पांडेय, आईजी जोन

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