कैसे शुरू हुआ टीचर्स डे का सेलिब्रेशन

वर्ष 1962 में उनके कुछ प्रशंसक और शिष्यों ने उनका जन्मदिन मनाने की इच्छा जाहिर की तो उन्होंने कहा, 'मेरे लिए इससे बड़े सम्मान की बात और कुछ हो ही नहीं सकती कि मेरा जन्मदिन शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाए.' और तभी से पांच सितंबर को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाने लगा. शिक्षक दिवस के अवसर पर शिक्षकों को पुरस्कार देकर सम्मानित भी किया जाता है.

डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जीवन और उपलब्धियां

-5 सितंबर, 1888 को डॉ. राधाकृष्णन का जन्म तमिलनाडु के तिरुतनी ग्राम में हुआ था.

-1903 में युवती सिवाकामू के साथ उनका विवाह हुआ.

-1916 में मद्रास रेजीडेंसी कॉलेज में सहायक अध्यापक के तौर पर उनकी नियुक्ति हुई. उन्होंने 40 वर्षो तक शिक्षक के रूप में काम किया.

-1931 से 1936 तक आंध्र विश्वविद्यालय के कुलपति रहे.

-1936 से 1952 तक ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में प्राध्यापक के पद पर रहे.

-1939 से 1948 तक वह काशी हिंदू विश्वविद्यालय के कुलपति पद पर आसीन रहे.

-1952 में उन्हें भारत का प्रथम उपराष्ट्रपति बनाया गया.

-1953 से 1962 तक वह दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति थे.

-1954 में भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने उन्हें 'भारत रत्न' की उपाधि दी.

-1961 में इन्हें जर्मनी के पुस्तक प्रकाशन द्वारा 'विश्व शांति पुरस्कार' से भी सम्मानित किया गया था.

-डॉ. राधाकृष्णन ने 1962 में भारत के सर्वोच्च, राष्ट्रपति पद को सुशोभित किया.

-17 अप्रैल, 1975 को डॉ. राधाकृणन का देहावसान हो गया

भारत के द्वितीय राष्ट्रपति इनके पिता सर्वपल्ली वीरास्वामी राजस्व विभाग में काम करते थे. इनकी माता का नाम सीतम्मा था. इनकी प्रारंभिक शिक्षा लूनर्थ मिशनरी स्कूल, तिरुपति और वेल्लूर में हुई. इसके बाद उन्होंने मद्रास क्रिश्चियन कॉलेज में पढ़ाई की.

किस देश में कब मनाया जाता है टीचर्स डे

भारत : 5 सितंबर

ऑस्ट्रेलिया : अक्टूबर के लास्ट फ्राइडे को

भूटान : 2 मई

ब्राजील : 15 अक्टूबर

कनाडा : 5 अक्टूबर

यूनान : 30 जनवरी

मेक्सिको : 15 मई

पराग्वे : 30 अप्रैल

श्रीलंका : 6 अक्टूबर

टीचर्स और राधाकृणन के लिए फेमस कोट

शिक्षा का मतलब सिर्फ जानकारी देना ही नहीं है. जानकारी और तकनीकी गुर का अपना महत्व है लेकिन बौद्धिक झुकाव और लोकतांत्रिक भावना का भी महत्व है, क्योंकि इन भावनाओं के साथ छात्र उत्तरदायी नागरिक बनते हैं.

-डॉ. सर्वपल्ली राधाकृणन

'विद्यार्थी 25,000 घंटे अपने विद्यालय प्रांगण में ही बिताते हैं, इसलिए विद्यालय में ऐसे आदर्श शिक्षक होने चाहिए, जिनमें शिक्षण की क्षमता हो, जिन्हें शिक्षण से प्यार हो और जो नैतिक गुणों का निर्माण कर सकें.'

-डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम, पूर्व राष्ट्रपति

'भारतीय गणराज्य ने डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन को राष्ट्रपति चुना, यह विश्व के दर्शनशास्त्र का सम्मान है. मैं उनके राष्ट्रपति बनने से बहुत खुश हूं. प्लेटो ने कहा था कि दार्शनिक को राजा और राजा को दार्शनिक होना चाहिए. डॉ. राधाकृष्णन को राष्ट्रपति बनाकर भारतीय गणराज्य ने प्लेटो को सच्ची श्रद्धांजलि दी है.'

-बर्टेड रशेल, जानेमाने दार्शनिक

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