अधूरे लिंक

सरकार की योजना के अनुसार हाईस्कूल पास करने वाले स्टूडेंट्स को टैबलेट और इंटर पास करने वाले को लैपटॉप दिया जा रहा है, लेकिन स्टूडेंट्स को माध्यमिक शिक्षा परिषद की वेबसाइट से परेशानियां हो रही हैं। हाईटेक बनाने की बात करने वाले शिक्षा विभाग की खुद की वेबसाइट के कई सारे लिंक सालों से अधूरे पड़े हुए हैं।

क्लर्कों को नहीं है पूरी जानकारी

बोर्ड कार्यालय के क्लर्कोंको भी कंप्यूटर तकनीक की पूरी जानकारी नहीं होने से समस्याएं सामने आ रही हैं। नए क्लर्क की नियुक्ति के लिए कंप्यूटर प्रशिक्षण की योग्यता अनिवार्य है।

कैसे पिछड़ी वेबसाइट

-बोर्ड संबंधित आंकड़ों के पेज केवल वर्ष 2002 तक की जानकारी देते हैं।

- टेंडर संबंधित अंतिम जानकारी केवल 2011 में ही अपडेट की गई थी।

-बोर्ड सर्कुलर के पेज पर अंतिम बार केंद्र निर्धारण 2008 में ही हुआ था।

- बोर्ड की बेवसाइट के होम पेज पर ज्यादातर लिंक कई सालों से बंद पड़े हैं।

रिजल्ट में दिक्कत

बोर्ड की बेवसाइट पर एग्जाम के रिजल्ट चार जून को ही अपडेट हुए थे। उसके बाद कोई भी रिजल्ट अपडेट नहीं हुए हैं।

 

बिल्डिंग के भी बदतर हैं हालात

डिपार्टमेंट की बिल्डिंग की हालत खस्ता है। कमरों के बाहर भरे कचरे और कबाड़ भी शिक्षा के विभाग की बिगड़ती हालात की कहानी बयां करता है।

राज्य सरकार ने दिए थे निर्देश

हाल में 16 सितंबर को राज्य सरकार ने 12 सरकारी विभागों के सभी पत्राचार आदि कार्यों को ऑनलाइन करने के सख्त निर्देश भी दिए थे। इसके बावजूद भी हालात में कुछ सुधार नहीं है।

स्टूडेंट्स परेशान

स्टूडेंट सुखवीर सिंह ने बताया कि उसने इस साल यूपी बोर्ड से इंटर की परीक्षा पास की है। पहले तो उसे अपने रिजल्ट की जानकारी बेवसाइट पर नहीं मिल पाई। बाद में मार्कशीट में गड़बड़ी मिली तो विभाग में चक्कर काटने पड़ रहे हैं। वहीं विकास ने बताया कि वह हाईस्कूल की मार्कशीट पर अपने और अपने पिता के नाम में सुधार करवाने आए थे, लेकिन 12 बजे तक उसकी कोई सुनने वाला नहीं था.   

'ज्यादातर जानकारी बोर्ड से फोन पर ही मिल जाती है। इसलिए अभी तक बेवसाइट पर ध्यान नहीं दिया गया.'

- शिव कुमार ओझा, डीआईओएस

'वेवसाइट मुख्यालय से ही अपडेट होता है। नई नियुक्तियों की कवायद चल रही है। नई नियुक्ति में क्लर्क के लिए तकनीकी जानकारी अनिवार्य रखी गई है.'

- संजय यादव, क्षेत्रीय सचिव

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