Varanasi : अनूप श्रीवास्तव। दिल्ली की एक रीयल स्टेट कंपनी में मैनेजिंग डायरेक्टर हैं। इन दिनों अपने काम छोड़ बनारस में जमे हुए हैं। इनका यहां कैम्प करने का मकसद कोई रीयल स्टेट का नया वर्क नहीं है। बल्कि ये तो यहां आए हैं इलेक्शन में हाई-टेक कैम्पेनिंग और फुलप्रूफ प्लैनिंग के लिए। जी हां, ये बात आपको चौंका सकती है मगर ये सच है।

पहले से तय है, कब, कहां, कैसे

कैंट विधानसभा के प्रत्याशी अनिल श्रीवास्तव की टीम में शामिल अनूप आगे की कई दिनों की प्लैनिंग अपने लेकर लेकर चलते हैं। उनका नोट पैड और घर में लैपटाप विधानसभा के वोटर्स के आंकड़ों से भरा पड़ा है। अनूप अपने मैनेजमेंट स्किल्स का पूरा इस्तेमाल चुनाव प्रचार की रणनीति बनाने और खास कर यूथ वोटर्स का दिल लुभाने के लिए कर रहे हैं। वो कहते हैं कि इस बार लड़ाई इतनी सादगी भरी नहीं है, जितनी बैनर-पोस्टर्स की कमी के कारण नजर आ रही है। ये लड़ाई काफी मुश्किल है और इसमें आपको वोटर से बहुत अच्छे से जुडऩा होगा। ज्यादा से ज्यादा वोटर्स तक पहुंचने के लिए हमारे पास अच्छी प्लैनिंग हो, ये जरुरी है।

हाथ जोडऩे से काम नहीं चलेगा

सिर्फ अनिल श्रीवास्तव की टीम के अनूप ही नहीं बल्कि अपने वाराणसी की कई विधान सभाओं में ऐसे कैंडीडेट्स हैं, जो आईटी और मैनेजमेंट प्रोफेशनल्स की टीम लेकर चल रहे हैं। क्योंकि वो जा चुके हैं कि इस बार लड़ाई हाई-फाई है। सिर्फ घर-घर पहुंचने और हाथ जोडऩे से काम नहीं चलेगा। इसलिए कैंडीडेंट्स ने या तो अपने रिलेशन के प्रोफेशनल्स को यहां बुला रखा है या फिर बाहर से हायर कर रखा है।

ऑफिस से हो हाईटेक प्रचार

शहर दक्षिणी विधानसभा के एक कैंडीडेट दयाशंकर मिश्र दयालु की टीम भी नये मैनेजमेंट और आईटी प्रोफेशनल जुड़े हैं। उनके चुनाव कार्यालय में तो एक डेस्कटॉप और एक लैपटॉप पर लगातार काम होता रहता है। यहां एमबीए फाइनल इयर के स्टूडेंट सिद्धार्थ, बीबीए स्टूडेंट तनुज दूबे और एक मोबाइल कंपनी में टीम लीडर गर्वित यहां हाई-टेक चुनाव प्रचार की कमान संभाले हैं। ये ऑफिस में बैठ प्रचार के वीडियो यूट्यूब, फेसबुक पर अपलोड करने के साथ बल्क एसएमएस और ई-मेल के जरिये वोट की अपील करते हैं।

लैपटॉप में है सबकी खबर

कैंट एरिया के कैंडीडेट चंद्रप्रकाश मिश्रा ने भी हाई-टेक चुनाव प्रचार के लिए एक कम्प्यूटर प्रोफेशनल का हायर किया है। दीपू मौर्या इस चुनाव मैदान में उनके सारथी हैं। उनके लैपटॉप में विधानसभा से जुड़े वोटर्स के आंकड़ों के साथ बहुत कुछ है जो उनके चुनाव प्रचार में मदद कर रहा है। इसके अलावा और भी कई कैंडीडेट हैं जिन्होंने यूथ से कनेक्शन बनाने के हाई-फाई ढंग से लड़ाई शुरू कर दी है।

जुटा रहे नम्बर और ई-मेल आईडीज

हाई-फाई चुनाव प्रचार में हर किसी कैंडीडेट्स के लिए अब वोटर लिस्ट की तरह मोबाइल नम्बर्स और ई-मेल आईडीज की एहमियत बढ़ गयी है। ज्यादातर कैंडीडेट्स और उनके समर्थक अब अपने एरिया के वोटर्स, खासतौर से यूथ के मोबाइल नम्बर्स और ई-मेल जुगाडऩे में बिजी है। इसके बिना उनकी मुराद पूरी नहीं होगी, ये बात वो अच्छी तरह जान चुके है। इसके लिए वो कई एजेंसियों की मदद भी ले रहे हैं।

फेसबुक पर बना रहे पेज

आई नेक्स्ट ने पहले ही बताया था कि इस बार ज्यादातर नेता फेसबुकिया हो चुके है। ये अपने फेसबुक पर पेज बना रहे हैं और इसमें वाराणसी के लोगों को जोड़ रहे हैं। हालांकि इस मुहिम में उन्हें झटका तब लग रहा है जबकि उनकी फ्रेंड रिक्वेस्ट कम एक्सेप्ट होने के कारण उनकी ये सर्विस ब्लाक हो जा रही है। इसलिए अब एक कैंडीडेट के लिए कई-कई पेज और आईडी बनाई जा रही है।

सोशल नेटवर्क पर अपील

सिर्फ फेसबुक ही नहीं बल्कि ट्विटर, ऑर्कुट, गूगल प्लस, यूट्यूब जैसी सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर भी नेताओं की पहुंच बढ़ गयी है। उन्हें पता है कि आज का यूथ इन साइट्स पर ज्यादा वक्त देता है और यहां उन्हें कैच करना ज्यादा आसान है। इसलिए ज्यादातर कैंडीडेट्स की टीम में कुछ लोग सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर चुनाव प्रचार की मुहिम छेड़े हुए हैं।