स्कूल के बच्चों को प्रताडि़त करने के प्रकरण पर डीएम ने लिया संज्ञान

बीएसए को किया जवाब-तलब

BAREILLY:

किला रोड स्थित कटघर-क् में हिटलर मैडम के मामले में डीएम ने संज्ञान ले लिया है। आई नेक्स्ट ने फ्राइडे के अंक में बीएसए साहब इस 'हिटलर' से बच्चों को बचाइए न्यूज को प्रमुखता से पब्लिश किया था। लिहाजा, डीएम ने मामले में बीएसए को जवाब-तलब कर लिया है।

प्रशासन व शिक्षा के आलाधिकारियों का कहना, आईये जानते है।

टीचर द्वारा बच्चों को प्रताडि़त करने का मामला काफी गंभीर है। इस संबंध में मैंने बीएसए को रिपोर्ट देने के लिए कहा है। रिपोर्ट के आधार पर मामले की जांच कर दोषियों पर एक्शन लिया जाएगा।

- संजय कुमार, डीएम

इस मामले में बीएसए स्तर से जांच की जाएगी। टीचर दोषी मिलती हैं तो उन्हे तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया जाएगा।

- शशि देवी शर्मा, एडी बेसिक

मैंने बीएसए के निर्देशानुसार दोनों टीचरों से जवाब मांग लिया है। अगले दिन स्कूल में जाकर निरीक्षण करुंगा। जो भी तथ्य सामने आएंगे, उसके हिसाब से रिपोर्ट देंगे।

- नरेन्द्र पवार, नगर खंड शिक्षा अधिकारी

क्या था मामला

प्राइमरी स्कूल कटघर-क् के बच्चे हिटलर टीचर के गुस्से का शिकार बन रहे है। टीचर के खौफ का आलम ये है कि यहां के एक दर्जन बच्चों ने स्कूल जाना ही छोड़ दिया है। प्रताडि़त बच्चों और इनके अभिभावकों का आरोप है कि स्कूल की टीचर राना बेगम और दूसरी टीचर शौकिया आदिल के पति स्कूल में शराब पीकर बच्चों को प्रताडि़त करते हैं। अभिभावकोंका आरोप है कि बच्चों से टीचर एमडीएम के बर्तन से लेकर स्कूल का शौचालय तक साफ करवाती है। कुछ बच्चों ने विरोध किया तो टीचर ने स्कूल से नाम काटने का कहकर बच्चों को स्कूल से निकाल दिया, जबकि एक छात्र सलमान से उसकी ड्रेस तक वापस मांग ली।

बीपी हाई के चक्कर में हिटलर बन जाती है मैडम

नगर खंड शिक्षा अधिकारी नरेश चंद्र पवार ने स्कूल में तैनात दोनों टीचर राना बेगम और शौकिया आदिल को बीएसए दफ्तर में तलब किया। अधिकारी ने जब टीचर से फोन पर बात करने से इंकार की वजह पूछी, तो महिला टीचर का कहना था कि वह बीपी हाई परेशानी से गुजर रही है, गुस्से में थी इसलिए फोन पर बात करने से मना कर गई।

बता दें कि थर्स डे को जब राना बेगम से नगर खंड शिक्षा अधिकारी नरेश चंद्र पवार ने फोन पर बात करनी चाही तो टीचर ने साफ शब्दों इनकार कर दिया था।

बीमार टीचर के हवाले क्यों है छात्रों का भविष्य

इस प्रकरण में हेडमास्टर राना बेगम ने अपनी सफाई में बीपी हाई होने से गुस्सा आ जाने की बात कही है। इसी गुस्से के चक्कर में मैडम ने अपने अधिकारी के फोन को भी नकार दिया। अगर टीचर अपना वीपी लेवल डिस्बैलेंस होने पर इस हद तक रिएक्ट कर सकती हैं कि अपने अधिकारी की बात से इनकार कर दे, तो इस गुस्से का भाजन बच्चे किस तरह बनते होंगे, इस बात का अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है। यहां सवाल उठता है कि आखिर क्यों बीमार टीचर के सहारे बच्चों की भविष्य को संवारने की कोशिश की जा रही है।