-कानपुर के चकेरी में किराये पर रह रहा था आतंकी

-कलक्टरगंज स्थित सिद्धि विनायक मंदिर की कर चुका था रेकी

-कश्मीर के किश्तवाड़ में ली थी नौ महीने की ट्रेनिंग

<-कानपुर के चकेरी में किराये पर रह रहा था आतंकी

-कलक्टरगंज स्थित सिद्धि विनायक मंदिर की कर चुका था रेकी

-कश्मीर के किश्तवाड़ में ली थी नौ महीने की ट्रेनिंग

LUCKNOW lucknow@inext.co.in

LUCKNOW : यूपी एटीएस ने कानपुर के चकेरी एरिया में छापेमारी कर कुख्यात आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकी कमरउज्जमा उर्फ डॉ। हुरैरा उर्फ कमरुद्दीन को अरेस्ट किया है। बीती रात चले ऑपरेशन में दबोचे गए आतंकी ने कानपुर के मंदिर में हमले की साजिश रचने की बात कुबूली है। एटीएस को आतंकी के पास मिले मोबाइल फोन से मंदिर की रेकी कर बनाया गया वीडियो मिला है। अब एटीएस उसके नेटवर्क और फंडिंग के सोर्स की पड़ताल में जुट गई है। आशंका जताई जा रही है कि जल्द ही कई अन्य गिरफ्तारियां भी की जा सकती हैं।

किराये के मकान में रह रहा था

डीजीपी ओपी सिंह ने बताया कि यूपी एटीएस के एडिशनल एसपी दिनेश यादव, डिप्टी एसपी दिनेश पुरी और उनकी टीम ने बीती रात कानपुर के चकेरी स्थित शिवनगर में छापेमारी कर असोम के होजाई निवासी हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकी कमरउज्जमा उर्फ डॉ। हुरैरा उर्फ कमरुद्दीन को अरेस्ट किया है। उन्होंने बताया कि आतंकी कमरुज्जमा वहां पर बीते क्भ् दिनों से एक मकान में किराये का कमरा लेकर रह रहा था। मकान मालिक से उसने खुद को मोबाइल टावर इंजीनियर बता रखा था। हालांकि, मकान मालिक द्वारा कई बार मांगने के बावजूद उसने अपना आईडी प्रूफ उसे नहीं दिया था।

मोबाइल फोन से मिला साजिश का सुराग

डीजीपी ने बताया कि टीम ने उसके कब्जे से एक स्मार्टफोन बरामद किया, जिसमें कानपुर के कलक्टरगंज स्थित सिद्धि विनायक मंदिर का साढ़े पांच मिनट का वीडियो मिला। सख्त पूछताछ में आतंकी कमरउज्जमा ने कुबूल किया कि उसे हिजबुल मुजाहिदीन ने कानपुर में बड़े आतंकी हमलों के लिये रेकी करने भेजा था। उसने बताया कि फिलवक्त उसने सिद्धि विनायक मंदिर की रेकी कर उसका वीडियो बनाया था और गणेश चतुर्थी समारोह में ही आतंकी हमला करने की तैयारी की गई थी। आतंकी कमरुज्जमा ने आगे बताया कि वह लगातार कश्मीर में हिजबुल कमांडर ओसामा के संपर्क में था और जल्द ही हथियार व विस्फोटक की खेप लेकर उसके साथी कश्मीर से आने वाले थे।

अप्रैल से था राडार पर

डीजीपी ओपी सिंह ने बताया कि आतंकी कमरुज्जमा की सबसे पहली फोटो अप्रैल ख्0क्8 में सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी। इस फोटो में वह एके-ब्7 हाथों में लिये दिखाई दे रहा था। इस फोटो में उसने अपना नाम डॉ। हुरैरा पोस्ट किया था। उसी समय से सुरक्षा एजेंसियों के वह राडार पर आ गया और एनआईए, आईबी समेत देशभर की खुफिया व सुरक्षा एजेंसियां उसकी तलाश में जुटी हुई थीं।

किश्तवाड़ में ली थी ट्रेनिंग

पूछताछ में आतंकी कमरुज्जमा ने बताया कि वह ख्0क्ख् में कश्मीर के किश्तवाड़ में कपड़ा का कारोबार करने के लिये गया था। वर्ष ख्0क्म् में वह हिजबुल मुजाहिदीन के लोकल कमांडर ओसामा बिन जावेद के संपर्क में आया। उसी के कहने पर वह आतंकी बनने को तैयार हुआ, जिसके बाद किश्तवाड़ की ही पहाडि़यों पर स्थित जंगल में उसे नौ महीने की ट्रेनिंग दी गई। इस ट्रेनिंग में हिजबुल मुजाहिदीन के ट्रेनर्स ने उसे एके-ब्7, एके-भ्म् के अलावा आईईडी व विस्फोटकों की ट्रेनिंग दी थी।

विदेश में की नौकरी

एटीएस की छानबीन में पता चला कि आतंकी कमरुज्जमा वर्ष ख्008 से ख्0क्ख् तक फिलीपींस के करीब स्थित रिपब्लिक ऑफ पलाऊ में रहा। जहां उसने एक फर्म में स्टोर हेल्पर की नौकरी की। हालांकि, ख्0क्ख् में वह वापस वतन लौटा और कारोबार करने के लिये कश्मीर चला गया। एक साल बाद वह असोम लौटा और शादी की। डीजीपी ने बताया कि आतंकी कमरुज्जमा का एक बेटा भी है।

इन बिंदुओं की होगी जांच

डीजीपी ओपी सिंह ने बताया कि आतंकी कमरुज्जमा को पुलिस कस्टडी रिमांड पर लेकर कई राज उगलवाए जाएंगे। उन्होंने बताया कि पता किया जाएगा कि वह कश्मीर से आने के बाद कहां-कहां रुका? यूपी व कश्मीर में उसके और कौन-कौन साथी हैं? उसके पास फंड कहां से आता था और कौन देता था? और यूपी में उसके व साथियों के कौन-कौन से टारगेट थे?