- उमर के खाते में आए थे काश्मीर से पैसे, हुरैरा को दिए थे

- मामला चार राज्यों से जुड़ने के बाद टेकओवर की तैयारी में एनआईए

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LUCKNOW: कानपुर में गणेश चतुर्थी के मौके पर एक मंदिर पर फिदायीन हमले की साजिश रचने वाले हिजबुल आतंकी कमरुज्जमा उर्फ डॉ। हुरैरा के तीसरे साथी उमर फारुख को रविवार को मेघालय के बैरनीघाट इलाके से गिरफ्तार कर लिया गया। उस पर आतंकी गतिविधियों के लिए कमरुज्जमा की मदद करने का आरोप है। असम में मौजूद यूपी एटीएस की टीम उससे भी पूछताछ कर रही है। वहीं दूसरी ओर यह मामला चार राज्यों जम्मू-काश्मीर, यूपी, असम और मेघालय से जुड़ने के बाद नेशनल इंवेस्टीगेशन एजेंसी इसे टेकओवर करने की तैयारी में है। जल्द ही इसका आदेश जारी हो जाएगा।

लगातार हो रहे गिरफ्तार
ध्यान रहे कि कमरुज्जमा की गिरफ्तारी के बाद पूछताछ में उसके दो साथियों के नाम सामने आए थे जिसके बाद असम-मेघालय सीमा पर शाहनवाज और सईदुल आलम को पुलिस ने दबोच लिया था। शाहनवाज ने कमरुज्जमा को स्मार्ट फोन मुहैया कराया था तो सईदुल उसका पुराना दोस्त था। कमरुज्जमा असम में सईदुल के घर पर ही रुका था। एटीएस को कमरुज्जमा की पर्स में एक स्लिप भी मिली थी जिस पर दो अकाउंट नंबर लिखे थे। जांच में पता चला कि ये खाते एसबीआई और यूबीआई बैंक में उमर फारुख के नाम से है। कुछ दिन पहले इनमें पुलवामा स्थित जम्मू-काश्मीर बैंक से तीस हजार रुपये भी भेजे गये थे। यह रकम फारुख ने असम में निकाल कर कमरुज्जमा को दी थी। आतंकी गतिविधियों के लिए कमरुज्जमा की आर्थिक मदद के साक्ष्य मिलने के बाद उसकी गिरफ्तारी के लिए असोम पुलिस से संपर्क साधा गया, जिसके बाद उसे दबोच लिया गया।

आतंकवादी को सहयोग देने व संसाधन मुहैया कराने के पर्याप्त साक्ष्य पाये जाने पर उमर फारुख को वांछित किया गया जिसके बाद उसे असम पुलिस ने गिरफ्तार किया है। असम गयी एटीएस की टीम उससे पूछताछ व अग्रिम कानूनी कार्रवाई कर रही है। जम्मू और काश्मीर पुलिस के सहयोग से भी इस नेटवर्क को चिन्हित किया जा रहा है।
- असीम अरुण, आईजी एटीएस