- हड़ताल खत्म होने के एक दिन बाद बुलाई आपात बोर्ड बैठक

-भाजपा पार्षदों ने बोर्ड पटल पर रखा, प्रस्ताव मेयर ने लगाई मुहर

-कंपनी ब्लैक लिस्टेड करने पर पार्षद हुए दो फाड़, काटा हंगामा

Meerut: एसपी सिटी की सॉरी के बाद खत्म हुई नगर निगम के हड़ताल के एक दिन बाद ही मेयर ने निगम की आपात बोर्ड बैठक कॉल कर ली. शनिवार को टाउन हॉल परिसर में आयोजित हुई बैठक में पार्षदों के हंगामें के बीच मेयर व नगरायुक्त ने होर्डिग माफिया की फर्म को ब्लैक लिस्टेड वाले प्रस्ताव पर अपनी मुहर लगा दी.

पार्षदों ने काटा हंगामा

नगर निगम की बोर्ड बैठक में भाजपा पार्षदों ने डिफाल्टर एंड कंपनी अभिनव एटरप्राइजेज को ब्लैक लिस्टेड करने का प्रस्ताव रखा. भाजपा पार्षद विजय आनंद ने मुद्दे को उठाते हुए कहा कि जिस एंड कंपनी के नाम पर होर्डिग माफिया ने पूरे शहर को अवैध होर्डिग व यूनिपोल से पाट रखा है. उसके कांट्रेक्ट को न केवल निरस्त किया जाए, बल्कि उसकी फर्म को भी काली सूची में डाल दिया जाए.

विपक्षी पार्षदों का ऑब्जेक्शन

भाजपा पार्षदों की इस मांग पर विपक्षी पार्षदों ने ऑब्जेक्शन लगाते हुए प्रस्ताव का विरोध किया. जिस पर भाजपा के पार्षदों ने कहा कि अवैध होर्डिग लगाने के अलावा पार्षदों व मेयर पर जान लेवा हमला करने वाले व्यक्ति की फर्म को किसी भी सूरत में अनुबंधित नहीं रखा जा सकता. उन्होंने बोर्ड के सामने डिफॉल्टर एंड एजेंसी को ब्लैक लिस्टेड करने के पर्याप्त कारण बताते हुए प्रस्ताव पास करने की मांग की.

पार्षदों का हंगामा

भाजपा पार्षदों की मांग का विरोध कर रहे विपक्षी पार्षद शाहिद पहलवान व दीवान शरीफ ने कहा कि फर्म के कांट्रेक्ट पर हाईकोर्ट का स्टे चल रहा है. लिहाजा न तो कांट्रेक्ट को निरस्त किया जा सकता है और न ही फर्म को ब्लैक लिस्टेड किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि बोर्ड से यदि यह प्रस्ताव पास किया तो यह कोर्ट की अवमानना होगी.

मेयर ने लगाई मुहर

पार्षदों की ओर से काटे जा रहे हंगामें के बीच बोर्ड ने अभिनव एंड एजेंसी को डिफाल्टर करार देते हुए उसको ब्लैक लिस्टेड वाले प्रस्ताव पर मुहर लगा दी. जिसके साथ ही बोर्ड बैठक में शामिल पार्षदों ने हूटिंग शुरू कर दी.

बोर्ड बैठक के दौरान भाजपा समर्थित सभी ब्भ् पार्षदों समेत अन्य दलों के पार्षद भी मौजूद रहे.

बोर्ड कमेटी पर लगाया आरोप

विपक्षी दल के पार्षदों ने आरोप लगाते हुए बताया कि बोर्ड कमेटी ने सीधे-सीधे कोर्ट की अवमानना की है. पार्षद आफताब सैफी ने कहा कि मामले को लेकर चल रहे हाईकोर्ट के स्टे के चलते फिलहाल कोई निर्णय नहीं लिया जा सकता था, लेकिन बहुमत के आधार पर बोर्ड ने कोर्ट के आदेश को भी हवा उड़ा दिया.

बोर्ड की कार्य शैली पर सवाल

अभिनव एटरप्राइजेज को ब्लैक लिस्टेड वाले प्रस्ताव पर विपक्षी पार्षदों ने हंगामा करते हुए आरोप लगाया कि बोर्ड की कार्यशैली संदेह के घेरे में है. उन्होंने कहा कि बोर्ड ने उक्त फर्म को पहले तो गलत तरीके से कांट्रेक्ट दे दिया, फिर उसको गलत तरीके से ही निरस्त भी कर दिया.

क्या है तरीका

बीओटी अनुबंध के मुताबिक कोई भी कांट्रेक्ट दिए जाने से पूर्व उसका प्रस्ताव बोर्ड बैठक में रखा जाता है, जिसके पास होने पर उसको शासन में स्वीकृति के लिए भेजा जाता है. शासन की ओर से जारी गजट नोटिफिकेशन के आधार पर अग्रिम निर्णय लिया जाता है.

मामला कोर्ट में विचाराधीन है, लिहाजा कोई भी निर्णय लेने से पहले इस मामले में विधिक राय ली जानी चाहिए थी. बोर्ड कार्यकारिणी द्वारा लिया गया एक पक्षीय निर्णय निगम की आय के लिए घातक है.

शाहिद अब्बासी, पार्षद

समाजवादी पार्टी के कुछ पार्षद कांट्रेक्टर से मिले हुए हैं. कांट्रेक्ट निरस्त होने से निगम के वित्त हानि नहीं बल्कि इन पार्षदों के राजस्व हानि जरूर होगी. कहीं कोई कानून अड़चन नहीं है. फर्म डिफाल्टर थी लिहाजा उसको ब्लैक लिस्टेड कर दिया गया.

सफाई कर्मियों में आक्रोश

नगर निगम में आनन-फानन में बुलाई गई बोर्ड बैठक में सफाई मजदूर संघ की ओर से संविदा कर्मियों के वेतन को वृद्धि के प्रस्ताव को पास करने की मांग रखी गई थी. बोर्ड सदस्यों ने उनके प्रस्ताव पर जिक्र तक भी नहीं किया, जिसको लेकर कर्मचारियों में नाराजगी दिखी.

राज्य के सभी निगमों में संविदा कर्मियों का वेतन क्फ्फ्80 रुपए है. जबकि यहां पर केवल साढ़े सात हजार ही है. बोर्ड कार्यकारिणी से मामले को पटल पर रखा प्रस्ताव शासन में भेजने की सिफारिश की गई थी, लेकिन उनकी मांग को दर किनार कर दिया गया.

-कैलाश चंदौला, अध्यक्ष सफाई मजदूर संघ, नगर निगम