Lucknow: इंडिया ने नमस्ते लंदन की तैयारी क्या कर ली कि शहर में हॉकी के लिए लोगों के दिल में सम्मान बढ़ गया। फ्रंास को हराते ही इंडिया हॉकी टीम ने लंदन में होने वाले ओलम्पिक गेम्स के लिए क्वालीफाई कर लिया। फोर एंड सिक्स को छोड़ कर इस समय हर तरफ डै्रग एंड फ्लिक की बात चल रही है। इंडिया हॉकी टीम के क्वालीफाई करने भर से शहर भर के प्लेयर्स खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। स्टेडियम में तमाम गेम्स के बीच चल रही हॉकी की प्रैक्टिस करते प्लेयर्स लोगों में आकर्षण का केन्द्र बन गए हैं। पूर्व खिलाडिय़ों में हॉकी की पुराने दिनों की यादें ताजा हो गईं।
हॉस्टल के इंटरनेशनल प्लेयर चंदन सिंह ने बताया कि इंडिया के क्वालीफाई करते ही हमारा जोश भी दोगुना हो चुका है। इसके साथ ही लोगों के दिलों में हमारे लिए सम्मान बढ़ गया है। हमें गर्व हैं कि हम हॉकी प्लेयर हैं। प्रैक्टिस के दौरान पहले लोग इस गेम की तरफ ज्यादा ध्यान नहीं देते थे। लेकिन अब इंडिया हॉकी टीम की वजह से लोग हमारे गेम को यहां तक देखने के लिए आने लगे हैं।
बस यही प्रदर्शन जारी रहे
चंद्र भानु गुप्त खेल मैदान पर हॉकी ट्रेनिंग देने वाले पूर्व ओलम्पियन सै। अली ने बताया कि केडी सिंह बाबू हॉकी हॉस्टल में हम लोग पहले स्टूडेंट रहे हैं। हमारे समय में इंडिया हॉकी टीम में 11 प्लेयर्स हॉस्टल के हुआ करते थे। क्वालीफाइंग मैचेज के बारे में उन्होंने बताया कि इस बार की टीम ने कमाल कर दिया।
ऐसे ही प्रदर्शन की उम्मीद थी। बस अब यह चिंता है कि ब्वायज ओवर कांफीडेंस में ना हों और इसी तरह से प्रदर्शन चालू रखें। फ्रांस के खिलाफ खेले गए मैच में इंडिया का प्रदर्शन लाजवाब रहा। स्टेडियम फुल देख कर हॉकी के गोल्डन डेज की यादें ताजा हो गईं। संदीप सिंह का खेल शानदार लगा। छह में पांच पेनाल्टी कार्नर को गोल में बदलना आसान नहीं था।
हॉकी अब भी दिलों में बसती है
इंडिया हॉकी टीम के पूर्व कप्तान रजनीश मिश्रा ने बताया कि इंडिया और हॉलैंड के मध्य मुकाबला शानदार रहा। सरदारा सिंह जैसे प्लेयर्स ही हमारी टीम की जरूरत हैं। हॉल ही में जूनियर नेशनल हॉकी चैम्पियनशिप में गोल्ड जीतने वाली यूपी टीम के मेम्बर उदय ने बताया कि अब एक बार फिर ये साफ हो गया कि इंडिया में हॉकी अब भी लोगों के दिलों में बसी है.
खिलाडिय़ों के साथ ही पब्लिक ने भी देश की जनता को सपोर्ट किया है। वैसे इंडियन क्रिकेट टीम की लगातार हो रही असफलता से भी इंडियन क्रिकेट फैन निराश हैं। ऐसे में हाकी की जीत से लोगों में उसको लेकर क्रेज बढ़ गया.
इनको भी मिलें पैसे
जिस तरह से वल्र्ड कप में क्रिकेट टीम पर धनवर्षा होती है, उस तरह से नेशनल गेम हॉकी में नहीं। इस बात पर लोगों ने नाराजगी जाहिर की। तमाम लोगों ने बताया कि इन खिलाडिय़ों को मिलने वाली धनराशि क्रिकेट की तुलना में बेहद कम है। हॉकी में खिलाडिय़ों को मिलने वाली राशि में इजाफा होना चाहिए।

क्रिकेट की तुलना में हॉकी के खिलाडिय़ों को बहुत कम रकम मिलती है। ओलम्पिक क्वालीफाइंग मैचेज में इंडियन प्लेयर्स ने लाख धमाकेदार प्रदर्शन किया हो, लेकिन खिलाडिय़ों को बहुत अच्छा रिस्पांस मिला। इसी के चलते हॉकी के दिन खराब हुए थे। यह सच है कि प्लेयर्स देश की शान के लिए खेलता है। लेकिन उसके साथ उसका परिवार भी जुड़ा होता है। ऐसे में नेशनल गेम के साथ उपेक्षा क्यों हो जाती है। जिस दिन हॉकी में भी खिलाडिय़ों को क्रिकेट के बराबर धनराशि मिलने लगेगी, हम टॉप पर होंगे. 
प्रेम कुमार, इंटरनेशन प्लेयर
(पाकिस्तान में हुए एशिया कप अंडर-21 के फाइनल में इंडिया ने पाकिस्तान को हराया था। प्रेम कुमार इस टीम के सदस्य थे.)