- पद्मश्री मो। शाहिद के जनाजे में उमड़ा लोगों को हुजूम, ढेरों हॉकी प्लेयर्स ने दी श्रद्धांजलि

-टकटकपुर के कब्रिस्तान में हाकी के जादूगर मो। शाहिद को किया गया सुपूर्द-ए-खाक

-सेंट्रल व स्टेट गवर्नमेंट के कई नुमाइंदों ने जताया शोक

VARANASI

बड़े शान से उठा तेरा जनाजा, सारा शहर आज तुझे अलविदा कह रहा। हॉकी के शहंशाह पद्मश्री मो। शाहिद की रुखसती में उनके चाहने वालों के साथ ही उनके दिल अजीज दोस्तों ने भी श्रद्धांजली दी। हॉकी के इस सुल्तान का बुधवार की सुबह लंबी बीमारी के बाद गुड़गांव के एक हॉस्पिटल में इंतकाल हो गया था। जिसके बाद रात नौ बजे उनका पार्थिव शरीर बनारस में उनके आवास पर पहुंचा। जहां से गुरुवार की दोपहर एक बजे उनका जनाजा निकला। पुलिस लाइन स्थित दायम खान मस्जिद के बाहर जनाजे की नमाज अदा करने के बाद हॉकी के जादूगर का आखिरी सफर टकटकपुर कब्रिस्तान के लिए रवाना हुआ।

पुराने घर से होकर गुजरा जनाजा

जिस इलाके से मो। शाहिद ने हॉकी का सफर शुरू किया था उनकी रुखसती के दौरान भी उसी तरफ से जनाजा ले जाया गया। मो। शाहिद अपने पुराने घर के सामने सड़क पर ही हॉकी थाम कर बाल के पीछे दौड़ा करते थे। यहीं से उन्होंने ओलंपिक का सफर तय किया। यहां से बढ़कर उनका जनाजा अर्दली बाजार होते हुए टकटकपुर की ओर बढ़ा।

सभी थे कायल

उनमें हॉकी के खेल का हुनर कुछ ऐसा था कि उसके सभी कायल थे। चाहे वह उनके साथ खेलने वाले खिलाड़ी हो या उनके खेल को देखने वाले दर्शक। सभी ने अपने इस चहेते को दिल से रुखसत किया। जनाजे के कब्रिस्तान पहुंचने पर वहां उन्हें सुपूर्द-ए-खाक किया गया। पहली मिट्टी मो। साहिद के बेटे सैफ ने दी। इसके बाद लोगों ने उनको मिट्टी दी।

ये देश का नुकसान है

ओलंपियन पद्मश्री मो। शाहिद का जाना हॉकी का ही नुकसान नहीं बल्कि हॉकी की दुनिया में किंग ऑफ ड्रिबलिंग, स्टीक के जादूगर और दोस्तों के दोस्त के तौर पर मशहूर मो। शाहिद के हर चाहने वाले आम व खास का कहना है कि ये देश का नुकसान है। उनके जनाजे में शामिल होने के लिए कई इंटरनेशनल और नेशनल प्लेयर्स पहुंचे थे। इनमें इंडियन टीम के पूर्व कैप्टन धनराज पिल्लई, सुजीत कुमार, अर्जुन अवॉर्ड प्राप्त गुलाब चंद्र (एथलीट), सुनील सेठ, नागेंद्र सिंह, जफर इकबाल, अशोक कुमार (मेजर ध्यानचंद्र के बेटे), मुस्ताक अहमद, आतिफ इदरीश, अनिल शर्मा, गोपाल शर्मा, अखिलेश सिंह समेत सैकड़ों नये और पुराने खिलाड़ी शामिल रहे।