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इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में फिजिकल एजुकेशन डिपार्टमेंट के एमपीएड कोर्स का है मामला

vikash.gupta@inext.co.in

ALLAHABAD: सेंट्रल यूनिवर्सिटी इलाहाबाद में पढ़ाई कैसे दम तोड़ रही है, इसका अंदाजा फिजिकल एजुकेशन डिपार्टमेंट से लगाया जा सकता है। इविवि प्रशासन के लचर रवैए के चलते यह विभाग कोर्सविहीन होने के कगार पर पहुंच चुका है। यहां अंडर ग्रेजुएट की पढ़ाई पहले ही बंद हो चुकी है और अब पीजी लेवल की पढ़ाई पर भी संकट मंडरा रहा है। बावजूद इसके प्रवेश भवन ने एमपीएड जैसे कोर्स के लिए ऑनलाइन आवेदन ले लिया है।

अब पूछ रहे क्या करें

हैरानी की बात है कि जिस कोर्स के मान्यता की समयावधि ही समाप्त हो चुकी है। प्रवेश भवन ने उस कोर्स के लिए ऑनलाइन आवेदन 22 मई तक ले लिया। जबकि, इसकी जानकारी बाकायदा विभाग के एचओडी की ओर से विवि प्रशासन के अधिकारियों और प्रवेश निदेशक को समय रहते दे दी गई थी। अब जबकि 28 मई से एडमिट कार्ड जारी होना है, तो प्रवेश निदेशक प्रो। एचएस उपाध्याय ने रजिस्ट्रार को पत्र लिखकर कोर्स के स्टेटस के बारे में जानकारी मांगी है। दरअसल, कोई सुनवाई न होने के बाद फिजिकल एजुकेशन के हेड प्रो। डीसी लाल ने रजिस्ट्रार कर्नल हितेश लव से मिलकर एडमिशन के बाबत आपत्ति दर्ज करवाई थी।

बीपीएड की लेनी थी मंजूरी

जानकारी के मुताबिक एनसीटीई की गाइडलाइन है कि बिना बीपीएड (बैचलर ऑफ फिजिकल एजुकेशन) के एमपीएड को कॉन्टीन्यू नहीं किया जा सकता। एनसीटीई जयपुर ने इसी शर्त पर 05 फरवरी 2015 को एमपीएड के एक बैच (सेशन 2015-16) को तीन वर्ष के लिए मान्यता दी थी और कहा था कि इस दौरान बीपीएड पाठ्यक्रम की मंजूरी ले ली जाए। लेकिन अभी तक ऐसा हो नहीं पाया है। जानकारों का कहना है कि यूनिवर्सिटी द्वारा बीपीएड की मान्यता नहीं ली जा सकी है। वहीं एमपीएड की मान्यता भी 04 फरवरी 2018 (मान्यता सेशन 2015-16 के लिए ही थी) को समाप्त हो चुकी है।

जब कोर्स नहीं, तब करेंगे शिक्षक भर्ती

बताया जाता है कि एनसीटीई ने एयू एडमिनिस्ट्रेशन की लापरवाही के मद्देनजर 26 फरवरी 2018 को बीपीएड की मान्यता का रिफ्यूजल लेटर भी जारी कर दिया। इससे पहले एनसीटीई ने दिसम्बर 2017 में विभाग को बीपीएड की मान्यता के लिए स्टाफ प्रोफाइल का ब्यौरा भेजने को कहा था। लेकिन विवि प्रशासन और विभाग द्वारा इस प्रॉसेस को आगे नहीं बढ़ाया गया। इसके बाद 2015 में बीपीएड की मान्यता के लिए किया गया आवेदन निरस्त करना पड़ा। जानकारों की मानें तो अब जब नियमों के आलोक में विभाग में एक भी कोर्स पठन-पाठन के लिहाज से संचालित नहीं किए जा सकते। तब विवि प्रशासन ने फिजिकल एजुकेशन में शिक्षक भर्ती को पूरा करने के लिए एमपीएड को जैसे-तैसे जिंदा रखने की कोशिश की है।

बीपीई भी बंद हो चुका है

मालूम हो कि विभाग में एकेडमिक सेशन 2015-16 तक बैचलर ऑफ फिजिकल एजुकेशन (बीपीई) की पढ़ाई होती थी। इसमें सीटों की संख्या उस समय 30 हुआ करती थी। जानकारी के मुताबिक यूनिवर्सिटी को बीपीई का नाम बदलकर बीपीईएस (बैचरल ऑफ फिजिकल एजुकेशन एंड स्पो‌र्ट्स) करना था। इसके लिए बोर्ड ऑफ स्टडीज और फिर एकेडमिक काउंसिल से मंजूरी लेनी पड़ती। लेकिन विवि प्रशासन और विभागीय लापरवाही के चलते कोर्स का नाम नहीं बदला जा सका। जानकारी के मुताबिक यही वह कारण है जिसके चलते इस पॉपुलर कोर्स को भी बंद करना पड़ा था।

बीपीएड की मान्यता के लिए अभी भी प्रॉसेस किया जा सकता है। इसके लिए स्टाफ प्रोफाइल भेजना होगा। लेकिन यह बात सही है कि बिना बीपीएड के एमपीएड नहीं चलाया जा सकता। मैंने अपनी शिकायत काफी पहले ही दर्ज करवाई थी।

डॉ। डीसी लाल, एचओडी फिजिकल एजुकेशन डिपार्टमेंट